लखनऊ, 27 नवंबर (उप्र) उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश को ऑटो और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योगों के हब में बदलने का फैसला किया है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश में ऑटो और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पहले से ही पर्याप्त संसाधन हैं।
इसमें कहा गया है कि इन उद्योगों को संसाधनों की उपलब्धता बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि ऑटो क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
बयान के मुताबिक, योगी ने कहा है कि संसाधनों की उपलब्धता बढ़ाने से इस उद्योग में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होंगे।
बयान में एक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि वर्ष 2019 में ऑटो उद्योग में उत्तर प्रदेश का ग्रोथ स्टेट वैल्यू एडिशन (जीएसवीए) डेढ़ अरब डॉलर था, जिसे अगले पांच वर्ष में बढ़ाकर पांच अरब डॉलर किया जा सकता है।
बयान के अनुसार, पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश में ऑटो उद्योग के विकास के लिए नौ से दस हजार एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी, जिसके लिए प्रदेश सरकार 19 से 20 अरब डॉलर खर्च करेगी। इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में बने इलेक्ट्रिक वाहनों और ऑटो कलपुर्जों की ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण एशिया में आपूर्ति की जाएगी।
बयान के मुताबिक, राज्य सरकार ने ऑटो क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए आगरा, शाहजहांपुर, अलीगढ़, प्रयागराज, सहारनपुर और इटावा को चुना है, जबकि गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, हापुड़, कानपुर नगर और मेरठ का चयन बड़े उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
भाषा
आनन्द पारुल
पारुल
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