भाजपा ने तीसरी बार केंन्द्र में सरकार बनाने के लिए कमर कस ली हैं। आज बीजेपी ने अपना घोषणा पत्र भी जारी कर दिया हैं।

घोषणा पत्र में भाजपा ने महिलाओं, किसानो और युवाओ के लिए कई बड़े वादे भी किये हैं। बीजेपी ने UCC पर भी बड़ा दांव खेला हैं।

बहरहाल केंद्र सत्ता पाने के लिए यूपी की ज्यादातर सीट जीतना हर पार्टी के लिए जरूरी हैं। ऐसे में जानते हैं कि बीजेपी की रणनीति क्या हैं।  

तस्वीरों में हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश के उन 10 लोकसभा सीटों की जहाँ भाजपा के बड़े नेताओं को मैदान में उतरा गया हैं।

इस 10 में सबसे है प्रोफाइल सीट हैं वाराणसी की। यहाँ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार मैदान में हैं। पिछ्ला चुनाव उन्होंने साढ़े 4 लाख से ज्यादा वोटों से जीता था।

दूसरे नंबर पर हैं अमेठी सीट। यहाँ से महिला नेत्री स्मृति ईरानी मैदान में हैं। पिछली बार उन्होंने यहाँ से कांग्रेस नेता राहुल गाँधी को पटखनी दी थी।

तीसरे क्रम पर हैं लखनऊ की सीट जहाँ से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर कभी दिवंगत पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव लड़ते थे।

सुल्तानपुर से इस बार भी भाजपा ने मेनका गांधी पर भरोसा जताया हैं हालाँकि पीलीभीत से उनके बेटे वरुण की टिकट काट दी गई हैं।

उन्नाव से इस बार भी साक्षी महराज मैदान में होंगे। साक्षी महाराज इस बार जीत की हैट्रिक की तलाश में हैं। साक्षी महाराज को 2014 के चुनाव में 518834 वोट मिले थे।

लखीमपुर खीरी से एक बार फिर बीजेपी ने अजय मिश्रा टेनी को उतारा है. इसपर किसानों ने रोष जताया है। किसान नेता पंधेर ने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे जले पर नमक छिड़का है। 

बात करें मथुरा सीट की तो हेमा मालिनी को इस बार भी उन की पुरानी सीट मिली है। हेमा मालिनी लगातार क्षेत्र के दौरे पर हैं और महिलाओं से भेंट कर रही हैं।

मेरठ सीट से इस बार भाजपा ने टीवी के राम यानी अरुण गोविल को अपना उम्मीदवार बनाया हैं। मेरठ में भाजपा ने राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काट कर गोविल पर भरोसा जताया हैं।

आजमगढ़ से भाजपा ने इस बार फिर भोजपुरी स्टार दिनेश कुमार निरहुआ को उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने इस सीट पर उप चुनाव में भी भाजपा की टिकट से जीत हासिल की थी।

उत्तर प्रदेश के एक दिन के सीएम बनने वाले जगदम्बिका पाल इस बार डुमरियागंज से मैदान में होंगे। 2014 और 2019 में भी वह इस सीट से सांसद रह चुके हैं।