बद्रीनाथ मंदिर के कपाट रविवार को विधि-विधान से खोले गए, जिसमें भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की गई।

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भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ मंदिर चार धामों में से अंतिम मंदिर था जो छह महीने के शीतकालीन अवकाश के बाद खुला।

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इस अवसर पर देश-विदेश से करीब 15,000 श्रद्धालु एकत्रित हुए और भारतीय सेना के बैंड ने भक्ति संगीत बजाया।

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हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर करीब 10 मिनट तक पुष्प वर्षा की गई, जिससे वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय हो गया।

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मंदिर को 25 टन फूलों से सजाया गया था, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाता है।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से सीजन की पहली महाभिषेक पूजा की और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने की बात कही।

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चार धाम यात्रा के लिए राज्य सरकार ने सुरक्षित और सुचारू व्यवस्थाएं की हैं और श्रद्धालुओं से "हरित और स्वच्छ" तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

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बद्रीनाथ धाम परिसर में गणेश, घंटाकर्ण, आदि केदारेश्वर, आदि गुरु शंकराचार्य और माता मूर्ति मंदिरों के कपाट भी भक्तों के लिए खोल दिए गए।

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चार धाम यात्रा अब पूरे जोरों पर चल रही है, जिसमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर भी शामिल हैं।

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हर साल, चारों धामों के कपाट दिवाली के बाद बंद हो जाते हैं और अप्रैल-मई में फिर से खुलते हैं, जिससे लाखों श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना का अवसर मिलता है।

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