Photo Credit: myspicykitchen

Burst with Arrow

छत्तीसगढ़ के पारंपरिक लजीज व्यंजन

Photo : chhattisgarhtourism.com

छत्तीसगढ़ की व्यंजनों में शामिल फरा चावल के आटे से बनाया जाता है। चावल के आटे की लोई को हथेलियों से बेलकर भाप में पकाया जाता है। इसके बाद इसमें छौंक दिया जाता है। 

फरा

Photo : chhattisgarhtourism.com

ग्रामीण अंचलों में चीला एक लोकप्रिय व्यंजन है। इसे चावल के आटे और पानी के मिश्रण से तैयार किया जाता है। खुले तावे पर रखकर इसके पकाया जाता है। 

चीला

Photo : chhattisgarhtourism.com

त्योहारों और पर्वों में छत्तीसगढ़ के लोग अक्सर ठेठरी बनाते हैं। चने के बेसन के निर्मित होता है। गीले बेसन को रस्सी जैसा आकार देकर तेल में छाना जाता है। 

ठेठरी

Photo : chhattisgarhtourism.com

त्योहार पर उड़द दाल का बड़ा बनता है। इसे बनाने के लिए गिली दाल को दरदरा पीसकर मसाले मिलाए जाते हैं। इसे टमाटर चटनी के साथ चाव से खाया जाता है।

उड़द बरा

Photo : chhattisgarhtourism.com

छत्तीसगढ़ में गुलगुला भजिया बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है। गेहूं के आटे में गुड़ या शक्कर के मोवन देकर पकौड़े का रूप दिया जाता है। यह स्वादिष्ट होता है।

गुलगुल भजिया

Photo : chhattisgarhtourism.com

छत्तीसगढ़ के मीठे पकवानों में यहां का अईरसा प्रसिद्ध है, जो चावल के आटे, तिल और चीनी से बनाया जाता है। इसे गोल-गोल गोलियां या चपटी टिकियों के आकार दिया जाता है।

अइरसा

Photo : chhattisgarhtourism.com

अपनी महक से त्योहारों की महत्ता बताने वाले खुरमी गेहूं आंटे से बनाया जाता है। लोई बनाकर लंबी और मोटी आकार दिया जाता है। यह लोकप्रिय मिठाई है।

खुरमी

Photo : chhattisgarhtourism.com

यह होता तो पुड़ी की तरह ही है, लेकिन इसे चावल के आंटे से बनाया जाता है। इसे खारे और मीठे दोनों रुपों में बनाया जाता है। इसे कहीं-कहीं सोहारी भी कहा जाता है।

चौसेला

Photo : chhattisgarhtourism.com