ॐ ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः। ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः।।

ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम्। हंस वाहिनी समायुक्ता मां विद्या दान करोतु में ॐ।

सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि। विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा।।

या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै सरस्वत्यै नमः।

सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने। विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तुते।।

ॐ ऐं वाग्देव्यै विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।।

महो, अर्णः सरस्वती प्रचेयति केतुना, धियो विश्व विराजति।।