भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। लेकिन उनकी पूजा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिसे भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए। यह अशुभ माना गया है। ऐसा करने से शिव नाराज हो जाते हैं।
भगवान शिव की पूजा में हल्दी का प्रयोग नहीं किया जाता। हल्दी का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन में किया जाता है।
हमारी अवाज महज ध्वनि नहीं, हमारे आत्मा की अभिव्यक्ति है।
मान्यतानुसार हल्दी स्त्रियों से संबंधित वस्तु है और शिवलिंग को पुरुष तत्व माना गया है।
हमारी अवाज महज ध्वनि नहीं, हमारे आत्मा की अभिव्यक्ति है।
भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता। शिव जी ने तुलसी के पति असुर जालंधर का वध कर दिया था।
हमारी अवाज महज ध्वनि नहीं, हमारे आत्मा की अभिव्यक्ति है।
इसी वजह से तुलसी की पत्तियां नहीं चढ़ाई जाती है।
हमारी अवाज महज ध्वनि नहीं, हमारे आत्मा की अभिव्यक्ति है।
भगवान शिव की पूजा अर्चना में शंख का प्रयोग नहीं किया जाता। कथा के अनुसार, दैत्य शंखचूड सभी देवी देवता परेशान थे। तब भगवान शिव ने त्रिशूल से वध कर दिया।
हमारी अवाज महज ध्वनि नहीं, हमारे आत्मा की अभिव्यक्ति है।
इसके बाद उसका शरीर भस्म हो गया और उसी भस्म से शंख की उत्पत्ति हुई। चूंकि भगवान शिव ने दैत्य शंखचूड का वध किया था इसलिए उनकी पूजा में शंख का प्रयोग नहीं किया जाता।