शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें।

महाशिवरात्रि के प्रथम पहर में संकल्प करके दूध से स्नान के बाद ॐ हीं ईशानाय नम: का जाप  करें।

द्वितीय प्रहर में दधि स्नान करके ॐ हीं अघोराय नम: का जाप करें।

तृतीय पहर में धृत स्नान एवं मंत्र ॐ हीं वामदेवाय नम: का जाप करें।

फिर चतुर्थ पहर में मधु स्नान एवं ॐ हीं सद्योजाताय नमः मंत्र का जाप करें।

अपनी इच्छा को लाल पेन से एक कागज पर लिखें और शिवरात्रि वाले दिन घर से बाहर जमीन में दबा दें और वहीं पौधा लगा कर पानी दें। 

पंच मुखी रुद्राक्ष को पानी से साफ कर लें फिर अपने बाएं हाथ में रखें और दाएं हाथ से बंद करके अपनी सारी इच्छाएं बोल दें और कहीं सुरक्षित जगह पर रख दें और दिन में एक बार जरूर देखें।

एक काली मिर्च और सात काली तिल्ली के दाने हथेली में रखकर मन से कामना करें और शिवलिंग पर चढ़ा दें।

शिवरात्रि के दिन  21 बेलपत्र लेकर सभी पर चंदन से 'ॐ नमः शिवाय' लिख कर शिवलिंग पर अपनी इच्छा बोलते हुए चढ़ा दें।