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Facts about Shiv Tandav Strotam

तांडव नृत्य शिव तांडव स्तोत्रम के छंदों पर किया जाता है, जो हिंदू धर्म में एक दिव्य भजन है जो शिव की शक्ति और महिमा को दर्शाता है।

यह परंपरागत रूप से राजा रावण के साथ संबंध को प्रकट करता है क्योंकि उन्होंने इस शक्तिशाली और राजसी लय को लिखा था।

इस मंत्र की नौवीं और दसवीं दोनों पंक्तियाँ विध्वंसक के रूप में शिव की उपाधियों की सूची को दर्शाती हैं।

यह देखा गया है कि इस भजन की कल्पना और नकल से जीवंत सौंदर्य की बड़बड़ाती लहरें पैदा होती हैं।

शिव तांडव स्तोत्र की कहानी उस दिन शुरू होती है जब रावण ने भगवान शिव को अपने साथ श्रीलंका ले जाने के लिए कैलाश पर्वत को अपने हाथ में उठाने की कोशिश की थी। रावण ने भगवान शिव की स्तुति में एक भजन लिखा और गाया।

भजन का जाप किसी भी समय, शिव मंदिर में या घर पर भगवान शिव की मूर्ति के सामने किया जा सकता है।

कुछ लोग कहते हैं कि प्रत्येक त्रयोदशी तिथि, जो कि महीने का 13 वां दिन है, पर भजन जप करने से पापों को जलाने में मदद मिलती है।