नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री मोदी को देश और दुनिया में कौन नहीं जानता। दोनों अपने काम की वजह से पूरी दुनिया में मशहूर है।

केंद्रीय मंत्री गडकरी जहाँ अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर है तो वही पीएम मोदी को मजबूत नेता माना जाता है।  

लेकिन पिछले कुछ समय से दोनों के बीच रिश्ते नासाज होने की खबरे सुनने को मिलती है।

तो सवाल उठता है कि क्या वास्तव में दोनों के रिश्ते बेहतर नहीं है, या उनके बीच किसी बात को लेकर अनबन है।  

दरअसल पिछले दिनों गडकरी के एक बयान ने कुछ ऐसा ही इशारा किया जिसमे उन्होंने गधो के च्यवनप्राश खाने की बात कही।

ठीक इसी तरह 2017 यूपी के चुनाव के पहले पीएम मोदी ने कहा था कि वह गधो के काम करने के तरीके से सीखते है।  

अब दोनों बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे है। कहा जा रहा है कि गडकरी का बयान पीएम को एक तरह से जवाब है।

हालाँकि गडकरी इस तरह के किसी भी सम्भावना को नकारते रहे है। बावजूद ये अफवाहे भी अक्सर सामने आती रहती है।

बता दे कि  नितिन गडकरी फिलहाल मोदी की कैबिनेट में सड़क परिवहन मंत्री है और सबसे काबिल मिनिस्टर माने जाते है।

लेकिन बड़ा सवाल यही है कि आखिर क्यों एक समर्थक वर्ग हमेशा ही नितिन गडकरी को पीएम के तौर पर प्रोजेक्ट करता रहता है।