भगवान शिव के साथ-साथ शिवलिंग की भी सदियों से पूजा होती आ रही है।
शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए जलाभिषेक करना चाहिए
ऐसे में आपको शिवलिंग की पूजा के सही विधि-विधान पता होने चाहिए। चलिए जानते हैं कि शिवलिंग की पूजा करते समय दिशाओं का क्या महत्व है।
हमारी अवाज महज ध्वनि नहीं, हमारे आत्मा की अभिव्यक्ति है।
एक अच्छे क्लींजर से अपने चेहरे को धोएं। इससे आपकी स्किन में जमी धूल, मिट्टी और ऑयल अच्छे से साफ हो जाता है। ओवर वॉशिंग और हार्श स्क्रब का इस्तेमाल करने से बचें। इससे स्किन डल होती है।
हमारी अवाज महज ध्वनि नहीं, हमारे आत्मा की अभिव्यक्ति है।
शिवलिंग पर जल इस तरह अर्पित करें कि जल उत्तर दिशा की ओर शिवलिंग पर गिरे
हमारी अवाज महज ध्वनि नहीं, हमारे आत्मा की अभिव्यक्ति है।
शास्त्रों में कहा गया है कि कभी जातक को खड़े होकर शिवलिंग पर जलाभिषेक नहीं करना चाहिए।
हमारी अवाज महज ध्वनि नहीं, हमारे आत्मा की अभिव्यक्ति है।
अगर आप खड़े हैं, तो झुककर या बैठकर ही जलाभिषेक करना चाहिए