देविका रानी आज भले हमारे बीच नहीं है लेकिन आज भी उनकी यादें हमारे साथ है। देविका रानी को इंडियन सिनेमा की पहली स्टार कहा जाता है। कई लोग यह बात नहीं जानते हैं लेकिन देविका रानी उस जमाने की अभिनेत्री हैं जिस समय शायद किसी भी लड़की ने कभी अभिनेत्री बनने के बारे में सोचा भी नहीं होगा। 

वह महज 9 साल की उम्र में अपनी पढ़ाई पूरी करने इंग्लैंड गई थी। वहां जाने के बाद ही उन्हें एक्टिंग के बारे मे पता चला जिसके बाद उन्होंने रॉयल अकादमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट में एक्टिंग की पढ़ाई की।

पढ़ाई पूरी करने के बाद देविका जब भारत लौटीं तो वे अपना करियर फिल्मों में बनाना चाहती थीं लेकिन उनका परिवार इसके लिए राजी नहीं हुआ।

इसी दौरान देविका की मुलाकात फिल्म निर्माता हिमांशु रॉय से हुई थी। हिमांशु देविका की खूबसूरती से इतना प्रभावित हुए कि साल 1933 में उन्होंने देविका को अपनी फिल्म 'कर्मा' में कास्ट कर लिया।

यह किसी भारतीय द्वारा बनी पहली अंग्रेजी बोलने वाली फिल्म थी।देविका ने फिल्म ‘कर्मा’ में 4 मिनट का लिप लॉक किसिंग सीन देकर सभी को चौंका दिया था।

इस सीन के बाद देविका की काफी आलोचना हुई और फिल्म को प्रतिबंधित भी कर दिया गया।बाद में हिमांशु और देविका ने शादी कर ली। दोनों की उम्र में 16 साल का फर्क था। 

देविका और हिमांशु रॉय ने साथ मिलकर बॉम्बे टॉकीज नाम का स्टूडियो बनाया था। इस बैनर की पहली फिल्म ‘जवानी की हवा’ थी, जो साल 1935 में रिलीज हुई थी।

बॉम्बे टॉकीज के बैनर तले बनीं फिल्में जब हिट नहीं हुई तो देविका ने इंडस्ट्री छोड़ दी। इस बीच उनकी मुलाकात रूसी चित्रकार स्वेतोस्लाब रोरिक से हुई। बाद में देविका रानी ने उनसे शादी कर ली।