पिछले कुछ सालों से कांग्रेस के लिए संगठनात्मक तौर पर हर कुछ सही नहीं रहा। पार्टी के बड़े नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ दिया। 

बात करें चुनावी साल की तो भी यह दौर रहा और कई बड़े नेताओं ने भाजपा या फिर दूसरे विपक्षी दलों में शामिल हो गए।

आखिर इसके पीछे क्या वजह रही कि एक के बाद एक नेताओं ने कांग्रेस से किनारा कर लिया। आइये जानते हैं ऐसे नेताओं के बारें में

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे और पार्टी संगठन में कई बड़ी जिम्मेदारियां निभा चुके गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़ दी थी।

गुलाम नबी आजाद

उन्होंने कांग्रेस के दूसरे 22 नेताओं के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र भी लिखा था। जिसके बाद उन्होंने जम्मू में नई पार्टी बना ली थी।

यूपी से कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का दामन छोड़ अपने आप को भारतीय जनता पार्टी से जोड़ लिया।

आरपीएन सिंह

आरपीएन सिंह भी पार्टी की कार्यशैली से नाराज थे. बीजेपी ने आरपीएन सिंह को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है.

कांग्रेस से केंद्र में मंत्री और सांसद रह चुके जितिन प्रसाद साल 2022 में कांग्रेस का दामन थोड़ा बीजेपी में शामिल हुए.

जितिन प्रसाद

बीजेपी ने जितिन प्रसाद को यूपी सरकार में मंत्री बनाया और 2024 का लोकसभा चुनाव में वरुण गांधी की जगह उम्मीदवार बनाया है।

अमेठी से सांसद और विधायक रहने वाले संजय सिंह ने भी कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थामना बेहतर समझा था.

संजय सिंह

उन पर महाराष्ट्र में आदर्श सोसायटी में घोटाले का भी आरोप लगा था जिसे लेकर कांग्रेस ने उनपर कई प्रहार किये थे.

उद्योगपति और कांग्रेस के बड़े नेता नवीन जिंदल ने साल 2024 में कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी का दामन थामा है.

नवीन जिंदल

नवीन कुरुक्षेत्र से सांसद रह चुके हैं और बीजेपी ने 2024 का लोकसभा चुनाव में भी कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल को अपना उम्मीदवार बनाया है.

पंजाब के लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया.

रवनीत बिट्टू

रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब के सियासत का बड़ा नाम है और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता बेअंत सिंह के पोते हैं.

कांग्रेस के पंजाब के सबसे बड़े नेता अमरिंदर सिंह ने भी कांग्रेस की कार्यशैली से नाराज होकर पहले कांग्रेस छोड़ दी थी.

अमरिंदर सिंह

यूपी के बड़े नेताओं में शुमार रहे और प्रियंका गांधी के करीबी आचार्य प्रमोद ने भी कांग्रेस से रास्ते अलग कर लिए.  

आचार्य प्रमोद कृष्णम

वे लगातार पार्टी आलाकमान के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे, बाद में उन्हें पार्टी से निष्काषित भी कर दिया गया.

प्रवक्ता रह चुकी प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर शिवसेना ज्वाइन किया. बाद में शिवसेना ने उन्हें राज्यसभा भी भेजा.

प्रियंका चतुर्वेदी

कांग्रेस के प्रवक्ता रह चुके गौरव वल्लभ आखिरकार कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए.

गौरव वल्लभ

गौरव वल्लभ ने भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा के न्योता को नकारने पर नाराजगी जताई थी.