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Lessons  from  Bhagwat Geeta

गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं, इंसान के बर्बाद होने के पांच कारण हैं- नींद, गुस्सा, डर, थकान और काम टालने की आदत!

यदि तुम्हारे अंदर खुद को बदलने की ताकत नही है तो तुम्हारा कोई अधिकार नही की तुम भगवान या भाग्य को दोष दो!

अपना ध्यान अपने कर्तव्य पर रखें, अंतिम परिणाम पर नहीं।

विश्वास साहस पैदा करता है और फिर साहस आपके सभी डर को नष्ट कर देता है।

मनुष्य अपने विचारो से ऊंचाईयां भी छू सकता है और खुद को गिरा भी सकता है – क्योंकि हर व्यक्ति खुद का मित्र भी होता है और शत्रु भी

‘क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है. जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाते हैं. जब तर्क नष्ट होते हैं तो व्यक्ति का पतन शुरू हो जाता है।’

अपने अंदर प्रेम और सदाचार की भावना रखे। 

व्यक्ति को केवल अपने काम और कर्म पर ध्यान देना चाहिए।