Maha Shivratri 2025: नंदी के कान में मनोकामनाएं क्यों और किस कान में बोलते हैं? जानें

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हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का त्योहार का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भक्त भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करते हैं।

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भगवान शिव के मंदिर में शिवजी की मूर्ति या शिवलिंग के सामने नंदी की मूर्ति अवश्य होती है।

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धार्मिक मान्यता है कि अगर शिवजी से कोई मनोकामना मांगनी है, तो पहले उसे नंदी के कान में बोलना चाहिए। 

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कहा जाता है कि शिवजी ने ही नंदी को यह वरदान दिया था कि जो भी तुम्हारे कान में अपनी इच्छा बोलेगा, तो उसकी इच्छा पूर्ण होगी।

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शास्त्रों के अनुसार, भगवान भोलेनाथ हमेशा तपस्या में ही लीन रहते हैं। ऐसे में शिवजी तक अपनी इच्छा पहुंचाने के लिए नंदी का सहारा लिया जाता है।

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मान्यता है कि विधि-विधान से नंदी के कान में मनोकामना बोलते हैं, तो उसे जल्द ही महादेव तक पहुंचाते हैं और पूरी भी होती है।

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शिव जी की पूजा करने के बाद ही नंदी जी के बाएं कान में ऊँ शब्द बोलकर अपनी मनोकामना कहनी चाहिए। इसके बाद नंदी जी को प्रसाद अर्पित करना चाहिए।

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