कुमार सानू का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को कोलकाता में हुआ था।  उनके पिता का नाम पशुपति भट्टाचार्य हैं, जोकि एक गायक और संगीतकार हैं।

सानू ने अपनी पढ़ाई कोलकाता से ही पुरी की है। वे कोलकाता यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में ग्रेजुएट हैं। साल 1979 मे वह रेस्तरॉ और स्टेज पर गाना शुरु कर दिये थे।

कुमार सानू ने दो शादियां की थी। इनकी पहली पत्नी का नाम रीता भट्टाचार्य था और दूसरी पत्नी का नाम सलोनी भट्टाचार्य है। इनके तीन बेटे है जेस्सी, जीको और जान। 

सानू ने अपने करियर की शुरुआत सन् 1986 में बंगलादेशी फिल्म से की थी। सानू को हिंदी सिनेमा लाने का सारा श्रेय दिवंगत गायक जगजीत सिंह को जाता है।

उन्हें उनका पहला फिल्मफेयर पुरुस्कार फिल्म आशिकी के लिए मिला था। सानू ऐसे पहले गायक हैं, जिन्होंने पांच सालों तक लगातार फिल्मफेयर अवार्ड जीता। 

बड़े पर्दे पर धमाल मचाने के बाद कुमार सानू छोटे परदे पर कई सिंगिंग बेस्ड रियलिटी शोज़ में बतौर जज नजर आ चुके हैं।  

सानू एक गायक होने के साथ-साथ एक राजनीतिज्ञ भी हैं। उन्होंने सन् 2004 में बीजेपी की सदस्यता ली थी। लेकिन किन्ही कारणों से उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिए। 

लेकिन एक बार फिर अमित शाह की मौजूदगी में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता 2014 में ग्रहण की।  

प्रसिद्ध गानें; तुझे देखा तो ये जाना सनम, तेरी उम्मीद तेरा इंतजार, बस एक सनम चाहिए, मेरा दिल भी कितना पागल है, सोचेंगे तुम्हे प्यार करके, जब कोई बात बिगड़ जाए, ये काली-काली आँखें। 

Kumar Sanu Ka SafarNama: एक्टिंग की चाह में कुमार सानू ने छोड़ दिया था सिंगिंग करियर, नहीं मिल रहा था काम

भारत कलाकारों का देश रहा है। यहाॅं हर प्रतिभाएं फली और फूली। प्रतिभाओं की अगर इस सागर की बात करें तो हम बाॅलीवुड को कैसे भूल सकते हैं।

बाॅलीवुड में कुमार सानू ने देश और दुनिया के मनोरंजन जगत को न जाने कितने फनकार दिए।