बृहदेश्वर मंदिर, तंजौर, तमिलनाडु इस मंदिर को 1002 ईस्वी में राजाराज चोल द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर शिव को समर्पित है, और द्रविड़ियन कला का बेहतरीन उदाहरण पेश करता है।

बादामी गुफा मंदिर, कर्नाटक के उत्तरी भाग में बगलकोट जिले के बादामी शहर में स्थित मंदिरों का एक परिसर है। इन्हें भारतीय रॉक-कट वास्तुकला, खासकर बादामी चालुक्य वास्तुकला का उदाहरण माना जाता है।

कैलाशनाथ मंदिर, एलोरा इस मंदिर को दुष्टों का संहार करने वाले भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर महानता के प्रति एक श्रद्धांजलि है।

चेन्नाकेशव मंदिर, कर्नाटक  यह विजयनगर के शासकों द्वारा चोलों पर उनकी विजय को दर्शाने के लिए बनाया गया था। यह मंदिर पूरी तरह से विष्णु को समर्पित है।

तुंगनाथ मंदिर, उत्तराखंड  सभी पंच केदार मध्यमाश्वर, केदारनाथ, रुद्रनाथ और कल्पेश्वर में से सबसे अधिक ऊंचाई (समुद्र तल से 3680 मीटर) पर स्थित है।

आदि कुंभेश्वर, तमिलनाडु भारत में स्थित कुंभकोणम को मंदिरों का नगर कहा जाता है। यह मंदिर विजयनगर काल का है। आदि कुंभेश्वर मंदिर के प्रमुख देवता हैं

पंचरत्न मंदिर, बांकुरा, पश्चिम बंगाल यह मंदिर राजा रघुनाथ सिंह द्वारा 1643 में बनवाया गया था। यह मंदिर एक छोटे से वर्गाकार चबूतरे पर बना हुआ है।

बादामी गुफा मंदिर, कर्नाटक के उत्तरी भाग में बगलकोट जिले के बादामी शहर में स्थित मंदिरों का एक परिसर है। इन्हें भारतीय रॉक-कट वास्तुकला, खासकर बादामी चालुक्य वास्तुकला का उदाहरण माना जाता है।

जगत पिता ब्रह्मा मंदिर, राजस्थान इस मंदिर की संरचना 14 वीं शताब्दी की है, लेकिन यह मंदिर 2000 वर्ष पुराना बताया जाता है। मंदिर मुख्य रूप से संगमरमर और पत्थर के स्लैब से बना है।

राजस्थान के माउंट आबू के पास दिलवाड़ा मंदिर ये मंदिर माउंट आबू से लगभग 2.5 किमी दूर स्थित है और इन पांचों मंदिरों में से हर एक मंदिर अपने आप में अद्वितीय है। इनका निर्माण 11 वीं और 13 वीं शताब्दी (ईस्वी) के बीच हुआ था।