श्योपुर जिले के अधिकतर गांवो में पेयजल की गंभीर समस्या व्याप्त है ग्राम पंचायतो द्वारा पेयजल योजना के संचालन रुचि नहीं ली जा रही है।

ग्राम पंचायत में उदासीनता और लापरवाही के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों के लिए पानी का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।

ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि इन तीन गांव की बस्ती में सिर्फ एक ही बोरवेल है जो ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराती है। एक हेडपंप स्कूल परिसर में जरूर लगा है, लेकिन वह भी पिछले 6 महीने से बंद पड़ा है जिसमें पानी नहीं आता ।

इस गांव में ग्रामीणों की प्यास बुझाने के लिए सिर्फ पानी का एक ही स्त्रोत है और वह भी बिजली सप्लाई पर निर्भर है । यहां पर इस बोर से 3 ग्रामीण बस्तियां पानी भर्ती है।

कभी कभी जब बिजली संकट होता है और बिजली सप्लाई बंद होती है तो यह ग्रामीण इस सुविधा से भी वंचित हो जाते हैं और फिर 3 किलोमीटर दूर एक नदी से पानी भरने जाते हैं।

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार बात करें प्रशासन की तो प्रशासन का इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं है। यहां तक की कलेक्टर इस विषय पर बात तक नहीं करना चाहते।

एसडीएम यह बोलते साफ नजर आ रहे हैं कि मैं इस मामले में कुछ कह नहीं सकता मेरे को अनुमति नहीं है और मैं इसमें कार्रवाई भी नहीं कर सकता।

सर्वाधिक पेयजल समस्या बीरपूर श्यामपुर ओर धनायचा गांव में बनी है। यहां लोगों का पूरा दिन अपने व मवेशियों के लिए पानी ढोने में ही व्यतीत हो रहा है।

ऐसे में ग्रामीणों के पास पीने के पानी के लिए एक ही बोर है जिससे तीन ग्रामीण बस्तियां निर्भर है, लेकिन जब लाइट चली जाती है तो 3 से 4 दिन तक बिजली नहीं आती तो 3 से 4 किलोमीटर दूर नदी से पानी लाना पड़ता है।

जिले के समस्याग्रस्त ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है। बढ़ती गर्मी के मद्देनजर ग्रामीण लोग भारी समस्या का सामना कर रहे हैं।

कराहल के कुछ ग्रामीण गांव ऐसे है जहां 3 से 4 किलोमीटर नीचे उतरकर पानी लेने जाना पड़ता है साथ ही पास के गांव में स्थिति भयावह है।

यहां तो एक गड्ढे में पानी आता रहता है तो पूरा गांव इसी से पानी भरने आता है। पेयजल संकट से निपटने के लिए कई योजना तो बनाई, लेकिन श्योपुर जिले के कलेक्टर ने योजना सिर्फ फाइलों में ही संचालित कर रखी है।

इस पूरे मामले में पहले कलेक्टर से बात करना चाहिए कलेक्टर ने बाइट देने और कैमरे के सामने आने से साफ मना कर दिया और यहां तक बोल दिया कि मीडिया का काम तो बातों को उछालना है।