देव दीपावली के दिन किस देवी-देवता की पूजा होती है?
पूर्णिमा तिथि
देव दीपावली का पर्व बेहद खास होता है। यहा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है।
किसकी करें पूजा
दिवाली के बाद इस दिन को देवताओं की दिवाली के रूप में मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देव दीपावली पर किस देवी देवता की पूजा अर्चना होती है।
हमारी अवाज महज ध्वनि नहीं, हमारे आत्मा की अभिव्यक्ति है।
मान्यताएं
पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर सभी देवी-देवता शिव की नगरी काशी में गंगा तट पर आते हैं। गंगा में स्नान करने के बाद वे शिव की पूजा करते हैं और दीप जलाने की परंपरा है।
हमारी अवाज महज ध्वनि नहीं, हमारे आत्मा की अभिव्यक्ति है।
इस दिन को शास्त्रों में त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु के साथ देवाधिदेव भगवान शिव की भी पूजा की जाती है।
त्रिपुरारी पूर्णिमा
हमारी अवाज महज ध्वनि नहीं, हमारे आत्मा की अभिव्यक्ति है।
इस त्यौहार का महत्व तब और बढ़ जाता है जब यह कृत्तिका नक्षत्र में पड़ता है। इसीलिए इसे महाकार्तिक कहा जाता है।
महाकार्तिक
हमारी अवाज महज ध्वनि नहीं, हमारे आत्मा की अभिव्यक्ति है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिखों के पहले धर्म गुरु गुरुनानक देव जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन गुरुनानक जयंती पर प्रकाश पर्व मनाया जाता है।
गुरुनानक देव
हमारी अवाज महज ध्वनि नहीं, हमारे आत्मा की अभिव्यक्ति है।
फटते नहीं
कॉटन से बने नोट- जल्दी फटते नहीं हैं, हल्के होते हैं।