बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों में मौत की सजा सुनाई गई।

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उन पर आरोप है कि अगस्त 2024 के छात्र आंदोलन पर घातक कार्रवाई का आदेश उन्होंने दिया।

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ट्रिब्यूनल के अनुसार, हसीना को छात्रों पर हमले भड़काने और निर्देश देने में दोषी पाया गया।

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कोर्ट के 453-पन्नों के फैसले में 1400 मौतों की ‘मास्टरमाइंड’ बताया गया।

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फैसले में कहा गया कि उनकी 14 जुलाई की विवादित टिप्पणी के बाद हिंसा तेजी से बढ़ी।

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हसीना की एक टेलीफोनिक बातचीत की फोरेंसिक पुष्टि हुई जिसमें उन्होंने प्रदर्शनकारियों को “फांसी देने” का निर्देश दिया।

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उन पर ड्रोन, हेलीकॉप्टर और सुरक्षा बलों को घातक बल के इस्तेमाल का आदेश देने का आरोप है।

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ट्रिब्यूनल ने कहा कि उन्होंने ढाका दक्षिण के मेयर को सशस्त्र नागरिकों से प्रदर्शनकारियों को मारने का निर्देश दिया था।

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पूर्व गृह मंत्री असदोज्जमां खान और पूर्व पुलिस प्रमुख अल-मामून को भी दोषी ठहराया गया।

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बचाव पक्ष की दलीलों कि, ड्रोन-हेलीकॉप्टर का उपयोग नहीं हुआ, इसे कोर्ट ने अविश्वसनीय माना।

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