गर्भपात कानून नाइजीरियाई महिलाओं को खतरे में डाल रहे |

गर्भपात कानून नाइजीरियाई महिलाओं को खतरे में डाल रहे

गर्भपात कानून नाइजीरियाई महिलाओं को खतरे में डाल रहे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : May 22, 2022/3:26 pm IST

(फ्राइडे ओकोनोफुआ, प्रसूति एवं स्त्री रोग की प्रोफेसर, बेनिन विश्वविद्यालय)

बेनिन (नाइजीरिया), 22 मई (द कन्वरसेशन) ‘गर्भपात’ शब्द का इस्तेमाल 20 हफ्ते की अवधि से पहले ही समाप्त होने वाली दो तरह की गर्भावस्था का वर्णन करने के लिए किया जाता है। दरअसल, 20 हफ्ते की अवधि को भ्रूण के जीवन का आकार लेने में पूर्ण रूप से सक्षम हो जाने की अवधि के रूप में देखा जाता है।

स्वत: गर्भपात महिला द्वारा गर्भ गिराने की इच्छा के बगैर किसी शारीरिक या अन्य दिक्कतों के कारण होता है। इस तरह का गर्भपात आमतौर पर गर्भधारण के 20 सप्ताह के भीतर होता है। वहीं, अगर अवांछित गर्भ से मुक्ति पाने के लिए जानबूझकर गर्भपता कराया जाए तो इसे प्रेरित गर्भपात कहते हैं।

नाइजीरिया में लगभग 10 से 20 फीसदी गर्भवती महिलाओं को स्वत: गर्भपात का सामना करना पड़ता है। यह दुनिया के किसी भी देश में होने वाले स्वत: गर्भपात की औसत दरों के अनुरूप है।

इसके विपरीत, नाइजीरिया में प्रेरित गर्भपात के मामले अन्य देशों की तुलना में कहीं अधिक दर्ज किए जाते हैं। लेकिन गर्भपात के मामलों का सटीक आकलन कर पाना मुश्किल है, क्योंकि नाइजीरिया में गर्भपात कानून के जरिये इसे प्रतिबंधित किया गया है।

2015 में गट्टमाकर इंस्टीट्यूट ने अनुमान लगाया था कि नाइजीरिया में प्रति 1,000 महिलाओं पर 50.6 गर्भपात होते हैं। अगर इंस्टीट्यूट का अनुमान सही है तो यह दुनिया में गर्भपात की सर्वाधिक दरों में से एक है।

गट्टमाकर इंस्टीट्यूट एक शोध और नीति निर्माण संस्थान है, जो दुनियाभर में यौन तथा प्रजनन स्वास्थ्य एवं अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। घाना में 15 से 49 साल की प्रति 1,000 महिलाओं में 30 से 61 में गर्भपात होता है। यानी वहां गर्भपात की औसत दर 44 है।

वहीं, यूरोप में गर्भपात की दर बहुत कम है। उदाहरण के लिए नीदरलैंड में प्रति 1,000 महिलाओं पर गर्भपात की 8.6 घटनाएं होती हैं, जबकि स्वीडन में यह आंकड़ा प्रति 1,000 महिलाओं पर 18.3 है।

2015 में बेनिन सिटी में किए गए एक अध्ययन में मैंने यूनिवर्सिटी ऑफ बेनिन टीचिंग हॉस्पिटल के स्त्री रोग विभाग में आने वाली महिलाओं से पूछा था कि क्या उन्होंने कभी गर्भपात कराया है। इस दौरान लगभग 72 प्रतिशत महिलाओं ने ‘हां’ में जवाब दिया था। कई महिलाओं ने एक से अधिक बार गर्भपात कराने की बात स्वीकारी थी।

अपने अनुभवों के आधार पर मेरा मानना ​​है कि बड़े पैमाने पर गर्भपात जारी है। हालांकि, पिछले सात वर्षों में गर्भपात का तरीका बदला है, क्योंकि इस बात के सबूत हैं कि गर्भ गिराने के लिए अब और अधिक महिलाएं दवाओं का सहारा ले रही हैं।

इसके अलावा, महिलाएं गर्भपात के लिए खतरनाक पदार्थों का इस्तेमाल करना जारी रख रही हैं, जबकि अप्रशिक्षित पेशेवर और झोलाछाप डॉक्टर भी बड़ी संख्या में गर्भपात को अंजाम दे रहे हैं। यह गर्भपात को बेहद खतरनाक और जटिलताओं से भरा बनाता है।

प्रतिबंधात्मक कानून गर्भपात दर को बढ़ाते हैं

नाइजीरिया का मौजूदा गर्भपात कानून 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार द्वारा लागू किया गया था। इसमें कभी कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह काफी हद तक इंग्लैंड के व्यक्ति के खिलाफ अपराध अधिनियम-1861 की धारा-58 पर आधारित है।

नाइजीरिया का गर्भपात कानून कहता है कि जब तक मां की जान बचाने के लिए जरूरी न हो, तब तक गर्भपात करना अवैध है। इसमें गर्भपात की प्रक्रिया को अंजाम देने वाली महिला और पेशेवरों, दोनों को जेल की सजा देने के साथ उन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रा‍वधान किया गया है। कानून के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर गर्भपात कराने वाली महिला को सात साल और गर्भपात करने वाले पेशेवर को 14 साल की जेल की सजा दी जा सकती है।

मेरे अनुभवों के मुताबिक, प्रतिबंधात्मक कानून महिलाओं को अवांछित गर्भ को गिराने से नहीं रोक पाते हैं। विकसित देशों में भी यह एक सच्चाई है, जो केवल गर्भपात की प्रक्रिया को खतरनाक और असुरक्षित बनाती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ‘‘आवश्यक कौशल की कमी वाले व्यक्तियों द्वारा या न्यूनतम चिकित्सा मानकों के बिना गर्भावस्था की समाप्ति’’ को असुरक्षित गर्भपात के रूप में परिभाषित करता है।

गर्भपात पर अमेरिका की नीति

मेरा मानना है कि अमेरिका की गर्भपात नीति नाइजीरियाई महिलाओं को प्रभावित नहीं करनी चाहिए, क्योंकि अमेरिका विभिन्न कानूनों और प्रक्रियाओं द्वारा संचालित है। अमेरिका में गर्भपात हमेशा एक विवादास्पद मुद्दा रहा है और देश में बदलती राजनीतिक परिस्थितियों के कारण संबंधित नीतियां अलग-अलग रही हैं।

नाइजीरिया जैसे देशों के लिए दीर्घकालिक समाधान यही है कि वे बाहरी प्रभाव में आए बिना जनसंख्या, प्रजनन स्वास्थ्य और विकास को लेकर अपनी नीतियां तैयार करें।

महिलाओं के अधिकार के रूप में गर्भपात

डब्ल्यूएचओ, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ गायनेकोलॉजिस्ट एंड ओब्स्टेट्रिशियन, एमनेस्टी इंटरनेशनल, रॉयल कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट और संयुक्त राष्ट्र जैसे कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने बार-बार दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि यह बताया जा सके कि महिलाओं को गर्भपात के बारे में फैसला लेने का अधिकार है या नहीं।

इसके अलावा, यह माना जाता है कि महिलाओं को परिवार नियोजन के उपायों, सुरक्षित गर्भपात और गर्भपात के बाद की देखभाल तक पहुंच का अधिकार है।

नाइजीरिया मापुटो प्रोटोकॉल समेत उन दस्तावेजों के हस्ताक्षरकर्ताओं में शामिल है, जो सुरक्षित गर्भपात देखभाल को लेकर महिलाओं के निर्णय लेने के अधिकारों की रक्षा करते हैं। मैं सुरक्षित गर्भपात और गर्भपात के बाद की देखभाल के महिलाओं के अधिकारों का पूर्ण समर्थन करती हूं।

(द कन्वरसेशन) सुरभि पारुल

पारुल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)