बांग्लादेश में चुनाव से पहले छात्र-नेतृत्व वाली नयी पार्टी ने जमात से हाथ मिलाया

बांग्लादेश में चुनाव से पहले छात्र-नेतृत्व वाली नयी पार्टी ने जमात से हाथ मिलाया

बांग्लादेश में चुनाव से पहले छात्र-नेतृत्व वाली नयी पार्टी ने जमात से हाथ मिलाया
Modified Date: December 7, 2025 / 10:12 pm IST
Published Date: December 7, 2025 10:12 pm IST

ढाका, सात दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश में हाल में गठित छात्र नेतृत्व वाली पार्टी एनसीपी ने रविवार को जमात-ए-इस्लामी और एक अन्य समूह के साथ मिलकर फरवरी में होने वाले चुनाव से पहले ‘गणतांत्रिक संगस्कार जोट’ नामक गठबंधन बनाया।

अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रोत्साहन से इस वर्ष फरवरी में गठित नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी), स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (एसएडी) का एक राजनीतिक संगठन है, जिसने पिछले साल हिंसक प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। प्रदर्शन के परिणामस्वरूप पांच अगस्त, 2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा था।

एनसीपी ने दक्षिणपंथी जमात-ए-इस्लामी की शाखा अमर बांग्लादेश (एबी) पार्टी और ‘राष्ट्र संगस्कार आंदोलन’ के साथ गठबंधन बनाया।

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एनसीपी संयोजक नाहिद इस्लाम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारे गठबंधन को ‘गणतांत्रिक संगस्कार जोट’ कहा जाएगा।’ उन्होंने कहा कि यह ‘दो साल से अधिक के दीर्घकालिक प्रयासों’ का परिणाम है।

इस्लाम सहित तीन छात्र नेता उस सलाहकार परिषद का हिस्सा थे जिसे यूनुस ने आठ अगस्त, 2024 को मुख्य सलाहकार का पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद गठित किया था। हालांकि, इस्लाम ने एनसीपी के गठन के लिए अपना पद छोड़ दिया।

बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी, जमात-ए-इस्लामी ने फरवरी में होने वाले चुनावों के लिए समान विचारधारा वाले राजनीतिक संगठनों के बीच एकजुटता बनाने के अपने प्रयासों के तहत हाल में आठ इस्लामी दलों का गठबंधन बनाया।

यूनुस की सरकार ने हसीना की अवामी लीग को भंग कर दिया था। इस कारण से पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) देश के राजनीतिक क्षेत्र में अग्रणी बन गई थी। जिया वर्तमान में गंभीर रूप से बीमार हैं।

जिया की बीएनपी का संचालन उनके बड़े बेटे और पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान द्वारा किया जा रहा है, जो 2008 से लंदन में रह रहे हैं।

विश्लेषकों का कहना है कि दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के सामने अनिश्चितता की स्थिति है, तथा बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य ने बांग्लादेश में जमात और अति दक्षिणपंथी समूहों के उभरने की गुंजाइश पैदा कर दी है।

भाषा आशीष नरेश

नरेश


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