सशस्त्र संघर्ष: महिला विरोधी यौन हिंसा में शामिल लोगों को सूचीबद्ध की संरा प्रतिबंध व्यवस्था दृढ़ हो

सशस्त्र संघर्ष: महिला विरोधी यौन हिंसा में शामिल लोगों को सूचीबद्ध की संरा प्रतिबंध व्यवस्था दृढ़ हो

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  • Publish Date - April 15, 2021 / 07:38 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

(योशिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 15 अप्रैल (भाषा) भारत ने सशस्त्र संघर्षों में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा में शामिल व्यक्तियों एवं संस्थाओं को काली सूची में डालना सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध संबंधित प्रशासन मजबूत बनाने का आह्वान किया है।

भारत का कहना है कि यौन हिंसा का इस्तेमाल लोगों के उत्पीड़न के लिए किया जाता है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ‍ने संघर्षों में यौन हिंसा विषय पर सुरक्षा परिषद की खुली चर्चा में बुधवार को कहा कि यौन हिंसा को अपराध बनाकर उसके प्रभावी अभियोजन को सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि सदस्य राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप व्यापक कानूनी ढांचा विकसित करें।

तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘राज्य या राज्येतर तत्वों द्वारा सश्स्त्र संघर्षों में यौन हिंसा का इस्तेमाल लोगों के दमन के लिए किया जाता है। यह समुदायों के विस्थापन, अस्थिरीकरण और उत्पीड़न को बढ़ावा देता है और शासन को कमजोर करने के साथ ही संघर्षों के बाद पुनर्वास और स्थिरता के अवसरों को जोखिम में डालता है।”

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय सरकारों की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे अपने देशों में संघर्ष की स्थितियों में हुए ऐसे अपराधों को न होने दें और होने पर मुकदमा चलाएं भले ही इन अपराधों को करने का आरोप राज्येतर तत्वों पर लगा हो। जहां भी जरूरत हो, संयुक्त राष्ट्र को इस मुद्दे से निपटने में सदस्य राष्ट्रों की क्षमता को बढ़ाने में मदद देनी चाहिए।”

भारत ने कहा कि परिषद के प्रतिबंध व्यवस्था और अन्य लक्षित उपायों को मजबूत करना होगा ताकि सशस्त्र संघर्षों में यौन हिंसा से महिलाओं के संरक्षण को बढ़ाने में उनका पूरा सामर्थ्य इस्तेमाल हो सके। इनमें सशस्त्र संघर्षों में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा में शामिल संस्थाओं एवं व्यक्तियों को सूचीबद्ध करना शामिल है।

भाषा

नेहा शाहिद

शाहिद

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