आस्ट्रेलिया चुनाव : जलवायु परिवर्तन पर रूढ़िवादी संस्कृति युद्ध खत्म हो सकता है |

आस्ट्रेलिया चुनाव : जलवायु परिवर्तन पर रूढ़िवादी संस्कृति युद्ध खत्म हो सकता है

आस्ट्रेलिया चुनाव : जलवायु परिवर्तन पर रूढ़िवादी संस्कृति युद्ध खत्म हो सकता है

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : May 25, 2022/2:17 pm IST

मैथ्यू हॉर्नसे, कैसेंड्रा चैपमैन और जैक्लीन हम्फ्री, क्वींसलैंड विश्वविद्यालय

क्वींसलैंड, 25 मई (द कन्वरसेशन) आस्ट्रेलिया के वित्त विभ्ज्ञाग के प्रभारी जोश फ्राइडेनबर्ग का हालिया चुनाव में एक स्वतंत्र जलवायु कार्यकर्ता से हार जाना अपने आप में चौकाने वाली खबर है। ‘‘टील’’ निर्दलीय उम्मीदवारों ने फ्राइडेनबर्ग के पांच सहयोगियों को भी बाहर कर दिया, सभी ने कंसरवेटिव गढ़ से वोट काटे और सभी जलवायु परिवर्तन पर अधिक कार्रवाई का आह्वान कर रहे हैं।

हार के बीच, फ्राइडेनबर्ग से पूछा गया कि क्या लिबरल्स को जलवायु परिवर्तन पर अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया ने संस्कृति युद्धों द्वारा जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर काम किया है और उन्हें नहीं लगता था कि देश की इस नीति पर विश्लेषण की जरूरत है।

जलवायु परिवर्तन पर संस्कृति युद्ध किसने शुरू किया? और क्या हम इसकी समाप्ति के करीब हैं? इस महीने प्रकाशित हमारा शोध इस संबंध में कुछ सुराग देता है।

हमने पाया कि लगभग एक तिहाई ऑस्ट्रेलियाई – मुख्य रूप से कंसरवेटिव या रूढ़िवादी – यह मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन मानव गतिविधि के कारण नहीं, बल्कि प्राकृतिक पर्यावरणीय उतार-चढ़ाव के कारण होता है।

महत्वपूर्ण रूप से, हालांकि, हमने यह भी पाया कि जलवायु विज्ञान के खिलाफ रूढ़िवादी स्थिति समय के साथ कमजोर हो गई है। चुनाव परिणाम इस संदेश को पुष्ट करते हैं, देश भर में छह टील निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत और क्वींसलैंड में दो नई ग्रीन सीटें इसका प्रमाण हैं।

यह कहना गलत नहीं होगा कि, इस चुनाव को रूढ़िवादियों के नेतृत्व वाली जलवायु अवधारणा के बांध की दीवार में पहली दरार के रूप में याद किया जा सकता है।

कैसे जलवायु विज्ञान राजनीतिक बन गया

ऐतिहासिक रूप से, विज्ञान को ‘‘वाम’’ और ‘‘दक्षिण’’ के राजनीतिक संस्कृति युद्धों से बाहर रखा जाता है। यह सर्वसम्मत राय है कि विज्ञान को वैज्ञानिकों के लिए छोड़ दिया जाना ही सबसे अच्छा है।

उदाहरण के लिए, निश्चित सबूत सामने आने के तुरंत बाद कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) ओजोन परत को नष्ट कर रहे थे, एक अंतरराष्ट्रीय संधि की गई, जो उन्हें चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध थी। प्रतिक्रिया तेज और अराजनीतिक थी: 1980 के दशक में आप यह नहीं बता सकते थे कि किसी ने सीएफ़सी पर रूख के आधार पर मतदान किया।

दुर्भाग्य से, यह जलवायु विज्ञान के लिए नहीं कहा जा सकता है। 1965 में, कार्बन उत्सर्जन के खतरों के बारे में पर्याप्त वैज्ञानिक चर्चा थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन बी जॉनसन ने कांग्रेस को सतर्क करते हुए एक संदेश दिया।

लेकिन इसके तुरंत बाद जलवायु संस्कृति युद्धों के बीज बो दिए गए। वरिष्ठ राजनेताओं के साथ – और थिंक टैंक और निजी निगमों द्वारा समर्थित – गलत सूचना का एक अभियान शुरू किया गया, जो सीधे बिग टोबैको प्लेबुक से आया था: लोगों को आसन्न खतरे के सामने कुछ भी नहीं करने के लिए तैयार किया गया और यह कहकर समझाया गया कि इसमें विज्ञान जैसा कुछ नहीं है।

जलवायु परिवर्तन पर विज्ञान को खंगालने का अभियान उल्लेखनीय रूप से प्रभावी था: 2000 के दशक में, 97% जलवायु वैज्ञानिक मानवजनित जलवायु परिवर्तन के बारे में सहमत थे, लेकिन लोगों ने गलत तरीके से माना कि वैज्ञानिक इस मुद्दे पर विभाजित थे। एक वैज्ञानिक निष्कर्ष को प्रभावी ढंग से ‘‘बहस’’ के रूप में रखा गया था।

मूल रूप से, इसका रूढ़िवाद से बहुत कम लेना-देना था। 1990 के दशक की शुरुआत में, शिक्षित रिपब्लिकन ने डेमोक्रेट की तुलना में जलवायु परिवर्तन के बारे में अधिक वैज्ञानिक सहमति देखी। लेकिन तब से यह पैटर्न नाटकीय रूप से उलट गया है।

रूढ़िवादी अभिजात वर्ग द्वारा जलवायु शमन को वैचारिक रूप से विषाक्त माना जाता है – वह इसे उद्योग और व्यक्तियों की स्वतंत्रता को विनियमित करने के लिए डिज़ाइन की गई सरकारी प्रतिक्रिया बताते हैं। दक्षिणपंथियों के बीच, राजनेता, थिंक टैंक और मीडिया सभी ने अन्य रूढ़िवादियों को जलवायु परिवर्तन के बारे में सोचने के लिए प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया।

नतीजा यह हुआ कि एक वैज्ञानिक मुद्दा एक राजनीतिक मुद्दा बन गया। जलवायु संशयवाद के भविष्यवक्ताओं की जांच करने वाले शोधकर्ताओं ने पाया कि राजनीतिक निष्ठा बाकी सब पर भारी पड़ी: फिर चाहे वह चरम मौसम की घटनाओं के लोगों के व्यक्तिगत अनुभव हों, उनकी शिक्षा के स्तर, या यहां तक ​​​​कि उनकी विज्ञान साक्षरता से भी अधिक महत्वपूर्ण।

ऑस्ट्रेलिया और जलवायु विभाजन

2010 की शुरुआत में, ऑस्ट्रेलिया में जलवायु विज्ञान पर संस्कृति युद्ध नाटकीय रूप से बढ़ गया।

रूढ़िवादी राजनेताओं के लिए जलवायु विज्ञान पर सवाल उठाना नियमित हो गया (पूर्व प्रधान मंत्री टोनी एबॉट ने 2009 में जलवायु विज्ञान को पूरी तरह बकवास बताकर प्रचारित किया) और मुख्यधारा के अखबारों के एक तिहाई लेख जलवायु परिवर्तन को लेकर संशयवादी थे।

हमने हाल ही में एसेंशियल रिसर्च द्वारा दस वर्षों में किए गए 25 सर्वेक्षण का विश्लेषण किया, जिसमें जलवायु परिवर्तन के बारे में ऑस्ट्रेलियाई लोगों के विश्वासों पर प्रतिनिधि डेटा एकत्र किया गया।

हमने पाया कि यहां अंतरराष्ट्रीय मानकों से संदेह का स्तर बहुत अधिक था। पिछले 10 वर्षों में, दस में से चार आस्ट्रेलियाई लोगों ने या तो कहा कि जलवायु परिवर्तन मानवीय गतिविधियों से प्रेरित नहीं है, या कि वे ‘‘नहीं जानते’’ कि इसका क्या कारण है। इनमें से अधिकांश लोग रूढ़िवादी थे।

लेकिन 2013 में और विशेष रूप से रूढ़िवादियों के बीच संशयवाद का पानी उतरने लगा हमारा डेटा बताता है कि इस बदलाव के लिए 2015 के बाद से रिकॉर्ड तोड़ वार्षिक वैश्विक तापमान जिम्मेदार था।

जलवायु संशयवाद स्वाभाविक रूप से रूढ़िवादी नहीं है जैसा कि लिबरल पार्टी और रूढ़िवादी मतदाता सोचते हैं कि आगे क्या होगा, यह याद रखने योग्य है कि जलवायु विज्ञान की अस्वीकृति स्वाभाविक रूप से रूढ़िवादी स्थिति नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय डेटा का सुझाव है कि रूढ़िवाद और जलवायु संशयवाद के बीच की कड़ी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के लिए काफी हद तक एक मुद्दा है।

अधिकांश देशों में कोई विश्वसनीय संबंध नहीं है। दरअसल, ब्रिटेन में रूढ़िवादियों ने ही अपने देश में कोयले को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का नेतृत्व किया था।

दुनिया भर में जलवायु समर्थक रूढ़िवादी नेता – जैसे मैल्कम टर्नबुल, अर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर और जॉन कासिच – हमें याद दिलाते हैं कि जलवायु परिवर्तन को कम करना कुछ ऐसा है जो रूढ़िवादी मूल्यों के साथ मेल खाता है: जीवन के पारंपरिक तरीकों की रक्षा करना, राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वतंत्रता बनाए रखना, और हरित नौकरियों को उत्प्रेरित करना और नवाचार।

टील निर्दलीय उम्मीदवारों की सफलता इस बात पर प्रकाश डालती है कि कई रूढ़िवादी आस्ट्रेलियाई लोग जलवायु कार्रवाई चाहते हैं। चुनाव परिणाम लिबरल पार्टी पर संस्कृति युद्धों से जलवायु विज्ञान को हटाने के लिए दबाव डाल सकते हैं।

द कन्वरसेशन एकता एकता

एकता

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers