पनडुब्बी सौदा रद्द कर ऑस्ट्रेलिया ने की बड़ी गलती : फ्रांसीसी राजदूत

पनडुब्बी सौदा रद्द कर ऑस्ट्रेलिया ने की बड़ी गलती : फ्रांसीसी राजदूत

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  • Publish Date - September 18, 2021 / 08:54 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

कैनबरा, 18 सितंबर (एपी) ऑस्ट्रेलिया में फ्रांस के राजदूत ज्यां पियरे थेबॉल्ट ने शनिवार को कहा कि कैनबरा ने पेरिस के साथ पनडुब्बी सौदे को अचानक रद्द कर और फिर अमेरिका के साथ यह सौदा किए जाने का फैसला कर एक ‘‘बड़ी गलती’’ की है।

उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया द्वारा फ्रांस के साथ पनडुब्बी सौदे को अचानक रद्द किए जाने के विरोध में पेरिस ने वाशिंगटन और कैनबरा से शुक्रवार को अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था।

स्वदेश वापसी के लिए महामारी की वजह से लॉकडाउन का सामना कर रहे कैनबरा शहर में अपने घर से निकलते वक्त फ्रांसीसी राजदूत ज्यां पियरे थेबॉल्ट ने ऑस्ट्रेलिया सरकार के फैसले को एक “बड़ी भूल” करार दिया।

थेबॉल्ट ने कहा, “यह एक बहुत बड़ी गलती रही है, साझेदारी का एक बेहद खराब प्रबंधन।” उन्होंने कहा कि पेरिस और कैनबरा के बीच अस्त्र समझौता “विश्वास, आपसी समझ और ईमानदारी पर आधारित” माना जाता था।

कैनबरा को अब कम से कम आठ पनडुब्बियों के बेड़े की आपूर्ति के लिए अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के बीच एक नया समझौता हुआ है।

पेरिस द्वारा राजदूतों को वापस बुलाने की घोषणा किए जाने के करीब 17 घंटे बाद थेबॉल्ट दोहा, कतर की एक उड़ान से ऑस्ट्रेलिया से रवाना हो गए।

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया ने 12 पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के निर्माण के लिए 2016 में फ्रांस सरकार के स्वामित्व वाली नौसैन्य कंपनी के साथ 90 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (66 अरब डॉलर) का अनुबंध किया था। अब ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका व ब्रिटेन के बीच हुए नए सुरक्षा समझौते के तहत कैनबरा को परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियां मिलेंगी।

ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ समझौता खत्म करते हुए कहा था कि अब उसे बदले सुरक्षा माहौल में डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की नहीं, बल्कि परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों की आवश्यकता है।

फ्रांसीसी राजदूत ने कहा, “मैं एक टाइम मशीन में चलने में सक्षम होना चाहता हूं और ऐसी स्थिति में रहना चाहता हूं जहां हम ऐसी अविश्वसनीय, बेढंगी, अपर्याप्त, गैर-ऑस्ट्रेलियाई स्थिति में समाप्त न हों।”

इस बीच, ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस द्वारा अपने राजदूत को वापस बुलाए जाने पर शनिवार को खेद जताया। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिसे पायने के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया अपने फैसले को लेकर फ्रांस की गहरी निराशा को समझता है। हमने यह फैसला अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को देखते हुए लिया है।’’

बयान में कहा गया है कि फ्रांस के साथ अपने रिश्ते को ऑस्ट्रेलिया अहमियत देता है और भविष्य में एक साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करता है।

पायने और ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री पीटर डटन फिलहाल अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ वार्षिक वार्ता और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन के साथ अपनी पहली वार्ता के लिए वाशिंगटन में हैं।

थेबॉल्ट ने स्वदेश वापस बुलाए जाने से पहले शुक्रवार को कहा था कि उन्हें भी अमेरिका के साथ पनडुब्बी सौदे का पता “हर किसी की तरह चला, ऑस्ट्रेलियाई प्रेस का शुक्रिया।”

उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलिया ने कभी यह जिक्र नहीं किया था कि यह परियोजना रद्द की जा सकती है। कई अवसर और कई माध्यम थे। इस बदलाव का कभी जिक्र नहीं किया गया।”

इस सप्ताह अमेरिकी सौदे को सार्वजनिक किए जाने के बाद, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि उन्होंने जून में फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से कहा था कि इससे संबंधित वास्तविक सवाल हैं कि क्या कोई पारंपरिक पनडुब्बी हिंद-प्रशांत में ऑस्ट्रेलिया की रणनीतिक सुरक्षा आवश्यकताओं का समाधान कर पाएगी।

मॉरिसन ने विशेष रूप से चीन द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए सैन्य निर्माण का उल्लेख नहीं किया, जिसने हाल के वर्षों में यहां अपनी गतिविधियां काफी बढ़ा दी हैं।

ब्रिटेन में सात राष्ट्रों के समूह के शिखर सम्मेलन से स्वदेश लौटते समय मॉरिसन पेरिस में रुके थे और वहां उन्होंने बाइडन तथा ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ जल्द संभावित गठजोड़ का जिक्र किया था।

थेबॉल्ट ने कहा कि वह भी मैक्रों और मॉरिसन के बीच हुई मुलाकात के दौरान मौजूद थे और मॉरिसन ने यह उल्लेख किया था कि “क्षेत्रीय स्थिति में बदलाव हुआ है”, लेकिन इस बात का कोई संकेत नहीं दिया था कि ऑस्ट्रेलिया परमाणु पनडुब्बी की तरफ बदलाव का मन बना रहा है।

उन्होंने कहा, “दो साझेदारों के बीच सबकुछ पूर्ण पारदर्शिता के साथ होना चाहिए था।”

भाषा

प्रशांत नेत्रपाल

नेत्रपाल