बांग्लादेश: सेना ने विशेष न्यायाधिकरण के आदेश के बाद 15 सेवारत अधिकारियों को हिरासत में लिया
बांग्लादेश: सेना ने विशेष न्यायाधिकरण के आदेश के बाद 15 सेवारत अधिकारियों को हिरासत में लिया
ढाका, 11 अक्टूबर (भाषा) बांग्लादेश की सेना ने 15 सेवारत अधिकारियों को हिरासत में लिया है। सेना ने शनिवार को बताया कि इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल-बांग्लादेश (आईसीटी-बीडी) ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासनकाल के दौरान मानवता के खिलाफ किए गए कथित अपराधों के लिए मुकदमा चलाने के वास्ते इन अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया था, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।
सेना के एडजुटेंट जनरल मेजर जनरल मोहम्मद हकीमुज्जमां ने ढाका में सैन्य मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “16 अधिकारियों को सैन्य मुख्यालय में पेश होने के निर्देश जारी किए गए थे, जिनमें से 15 ने इस पर अमल किया।”
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के सैन्य सचिव के रूप में काम कर चुके मेजर जनरल कबीर अहमद सैन्य मुख्यालय में पेश नहीं हुए।
मेजर जनरल हकीमुज्जमां ने कहा, “मेजर जनरल कबीर कहां हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्हें विदेश जाने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि जिन अधिकारियों ने सैन्य मुख्यालय में रिपोर्ट किया, उन्हें सैन्य हिरासत में ले लिया गया है और उनके परिवारों से दूर रखा गया है।
संवाददाता सम्मेलन में जानकारी दी गई कि जिन 16 अधिकारियों को तलब किया गया था, उनमें दो मेजर जनरल, छह ब्रिगेडियर जनरल और कई कर्नल व लेफ्टिनेंट कर्नल शामिल थे।
यह घटनाक्रम सोशल मीडिया पर जारी व्यापक अटकलों के बीच सामने आया है कि क्या सेवारत सैन्य अधिकारियों पर पिछले शासन के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय किए गए कथित अपराधों के लिए सेना अधिनियम के तहत सैन्य अदालतों के बजाय नागरिक न्यायाधिकरण में मुकदमा चलाया जाएगा।
सेना ने कहा कि वह बांग्लादेश के सभी संविधान-स्वीकृत कानूनों का सम्मान करती है और हिरासत में लिए गए अधिकारियों के खिलाफ कानून के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।
आईसीटी-बीडी ने “अवामी लीग शासन के दौरान राजनीतिक विरोधियों के जबरन गायब होने या उनके अपहरण और प्रताड़ना” से जुड़े दो मामलों में अभियोजन पक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों को स्वीकार करने के बाद बुधवार को 30 आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे।
हसीना, जो वर्तमान में भारत में हैं, को दोनों मामलों में मुख्य संदिग्ध बनाया गया है। अन्य आरोपियों में से 25 सेना के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी हैं, जिनमें सेना खुफिया महानिदेशालय (डीजीएफआई) के पांच पूर्व महानिदेशक भी शामिल हैं।
भाषा पारुल पवनेश
पवनेश

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