बांग्लादेश: संसद परिसर में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े

बांग्लादेश: संसद परिसर में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े

बांग्लादेश: संसद परिसर में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े
Modified Date: October 17, 2025 / 05:44 pm IST
Published Date: October 17, 2025 5:44 pm IST

ढाका, 17 अक्टूबर (भाषा) बांग्लादेश पुलिस ने संसद के पास एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए शुक्रवार को आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठीचार्ज किया और तेज आवाज करने वाले ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों के वहां से जाने से इनकार करने पर यह कार्रवाई की गई।

जुलाई चार्टर नामक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर करने को लेकर अनिश्चितता के बीच, प्रदर्शनकारी संसद के पास एकत्र हुए थे।

‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम’ की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई चार्टर पर हस्ताक्षर समारोह के लिए बनाये गए मंच के सामने सैकड़ों प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे, जो अगस्त 2024 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने वाले प्रदर्शनों के दौरान घायल हुए लोगों के लिए कानूनी सुरक्षा और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।

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प्रदर्शनकारी सुबह संसद भवन के मुख्य द्वार पर चढ़कर परिसर में कथित तौर पर घुस गए और फिर मंच के सामने इकट्ठा हो गए।

समाचार पोर्टल के अनुसार, जब सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो प्रदर्शनकारी अतिथियों के लिए आरक्षित कुर्सियों पर बैठ गए और नारे लगाने लगे।

प्रदर्शनकारियों ने कम से कम दो पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की, संसद भवन के सामने बने अस्थायी स्वागत कक्ष, अस्थायी नियंत्रण कक्ष और फर्नीचर में आग लगा दी।

पुलिस ने उन्हें वहां से खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया। अधिकारियों ने उन्हें संसद परिसर से बाहर खदेड़ दिया, कई प्रदर्शनकारियों की डंडे से पिटाई की गई तथा उन पर आंसू गैस और तेज आवाज करने वाले ग्रेनेड दागे।

अंतरिम सरकार द्वारा गठित आयोग और राजनीतिक दलों के बीच लंबी बातचीत के बाद जुलाई चार्टर का मसौदा तैयार किया गया था।

सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की प्रमुख सहयोगी, नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) ने कहा है कि वह इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करेगी।

यूनुस के आशीर्वाद से फरवरी में गठित छात्र-नेतृत्व वाले इस संगठन के मुख्य समन्वयक हसनत अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार देर रात एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) जुलाई चार्टर पर हस्ताक्षर नहीं करेगी।’’

एनसीपी के संयोजक नाहिद इस्लाम ने पूर्व में कहा था कि कुछ राजनीतिक दल आम सहमति (राष्ट्रीय) के नाम पर इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर रहे हैं और लोगों को ‘‘धोखा’’ दे रहे हैं।

सरकार के अनुसार, राष्ट्रीय सहमति आयोग द्वारा तैयार किए गए चार्टर में देश चलाने के लिए 80 से अधिक सिफारिशें शामिल थीं।

हसीना की पार्टी अवामी लीग इस चर्चा का हिस्सा नहीं थी क्योंकि अंतरिम सरकार ने एक शासकीय आदेश के तहत अपने नेताओं पर मुकदमा चलने तक अपनी गतिविधियों को रोक दिया था। अवामी लीग के ज़्यादातर नेता जेल में हैं या फरार हैं।

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप


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