बाइडन ने उत्तर कोरिया के लिए विशेष दूत की नियुक्ति की

बाइडन ने उत्तर कोरिया के लिए विशेष दूत की नियुक्ति की

  •  
  • Publish Date - May 22, 2021 / 03:20 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 22 मई (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने दक्षिण कोरिया के अपने समकक्ष मून जेइ-इन से पहली वार्ता के बाद उत्तर कोरिया के लिए विशेष दूत की नियुक्ति की घोषणा की।

बाइडन ने यहां आए दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि राजनयिक और नीति मामलों के गहन जानकार सुंग किम उत्तर कोरिया के लिए अमेरिका के विशेष दूत होंगे।’’

बाइडन ने पत्रकारों को बताया कि उनके प्रशासन द्वारा उत्तर कोरिया की समीक्षा किए जाने के दौरान उनकी टीम ने राष्ट्रपति मून की टीम से गहन विचार विमर्श किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों ही स्थिति से बहुत चिंतित हैं। दोनों देश व्यावहारिक कदम उठाने के लिए उत्तर कोरिया के साथ कूटनीतिक वार्ता चाहते हैं जिससे कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त बनाने के हमारे लक्ष्य को हासिल करने की राह में तनाव कम होगा। आज मैं राष्ट्रपति मून को आश्वस्त करना चाहता हूं कि अमेरिका अपनी रणनीति और रुख पर कोरिया गणराज्य के साथ करीबी परामर्श करता रहेगा।’’

राष्ट्रपति मून ने कहा कि दोनों देशों के लिए सबसे बड़ा काम कोरिया प्रायद्वीप को पूरी तरह परमाणु मुक्त बनाना और स्थायी रूप से शांति स्थापित करना है।

उन्होंने उत्तर कोरिया नीति के लिए विशेष प्रतिनिधि के तौर पर राजदूत सुंग किम की नियुक्ति के बाइडन के फैसले का स्वागत किया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह कूटनीति और उत्तर कोरिया के साथ संवाद के लिए तैयार रहने की अमेरिका की प्रतिबद्धता को दिखाता है। मुझे अब और अधिक उम्मीद हैं क्योंकि कोरियाई प्रायद्वीप के मुद्दों में विशेषज्ञता रखने वाले व्यक्ति को नियुक्त किया गया है।’’

दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने और बाइडन ने दोनों कोरियाई देशों के बीच प्रतिबद्धताओं पर आधारित संवादों पर चर्चा की।

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति बाइडन ने अंतर-कोरियाई वार्ता और सहयोग का समर्थन भी किया। अमेरिका के करीबी सहयोग से हम अंतर-कोरियाई संबंधों में प्रगति पर काम करेंगे।’’

एक सवाल के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनका लक्ष्य कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण का ही है।

अमेरिका में पिछले चार प्रशासनों द्वारा इस लक्ष्य को हासिल न कर पाने पर बाइडन ने कहा कि यह मुश्किल काम है।

भाषा गोला नेहा

नेहा