‘आधार’ को दूसरे देशों में लागू करवाना चाहते हैं बिल गेट्स, वर्ल्ड बैंक को कर रहे फाइनेंस

‘आधार’ को दूसरे देशों में लागू करवाना चाहते हैं बिल गेट्स, वर्ल्ड बैंक को कर रहे फाइनेंस

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  • Publish Date - May 3, 2018 / 11:30 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:41 PM IST

वॉशिंगटन। भारत में आधार को लेकर बहसों का दौर जारी है और कई शासकीय योजनाओं में इसकी अनिवार्यता का मामला अदालत में भी है और उधर अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ‘आधार’ से इतने प्रभावित हैं कि वह इस दूसरे देशों में लागू कराना चाहते हैं। वे इसके लिए फंड भी दे रहे हैं।

बिल गेट्स ने आधार टेक्नालॉजी में गोपनीयता भंग होने की समस्या को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि बिल और मेलिन्डा गेट्स फाउंडेशन ने इसे (आधार को) दूसरे देशों में ले जाने को लेकर विश्वबैंक को फंड उपलब्ध कराया है। गेट्स ने कहा, ऐसा इसलिए किया है क्योंकि आधार एक बेहतर चीज है।

गेट्स ने कहा कि इन्फोसिस के संस्थापक नंदन निलेकणि इस परियोजना पर वर्ल्ड बैंक को परामर्श देते हुए मदद कर रहे हैं। बता दें कि निलेकणि को आधार का ढांचा तैयार करने के लिए जाना जाता है।

जब गेट्स से पूछा गया कि क्या भारत की आधार टेक्नोलॉजी को दूसरे देशों द्वारा अपनाना उपयोगी होगा, इसके जवाब में उन्होंने सहमति जताई। उन्होंने कहा, ‘उसका (आधार-पहचान) का बहुत ज्यादा फायदा है’।

गौरतलब है कि भारत में एक अरब से अधिक लोगों ने आधार के लिए अपना पंजीकरण कराया है। यह दुनिया की सबसे बड़ी बायॉमेट्रिक आईडी प्रणाली है।

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गेट्स ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘देशों को इसे अपनाना चाहिए क्योंकि राजकाज की गुणवत्ता काफी महत्वपूर्ण है। यह इससे जुड़ा है कि कितनी तेजी से देश अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाते हैं और अपने लोगों को सशक्त करते हैं’। गेट्स ने कहा, ‘हमने आधार को दूसरे देशों में ले जाने के लिए वर्ल्ड बैंक को फंड उपलब्ध कराया है।’

माना जा रहा है कि आधार के लिए पड़ोसी देश सहित अन्य कई देशों ने भारत से संपर्क किया है। भारत में आधार से निजता के मुद्दे को उठाए जाने के बारे में बिल गेट्स ने कहा कि, ‘आधार से गोपनीयता को लेकर कोई समस्या नहीं है क्योंकि यह केवल बायॉमेट्रिक पहचान सत्यापन योजना है।’

वेब डेस्क, IBC24