ब्रिक्स ने पहलगाम हमले की निंदा की; आतंकवाद से निपटने में दोहरे मापदंड त्यागने का आह्वान

ब्रिक्स ने पहलगाम हमले की निंदा की; आतंकवाद से निपटने में दोहरे मापदंड त्यागने का आह्वान

ब्रिक्स ने पहलगाम हमले की निंदा की; आतंकवाद से निपटने में दोहरे मापदंड त्यागने का आह्वान
Modified Date: July 7, 2025 / 12:18 am IST
Published Date: July 7, 2025 12:18 am IST

रियो डि जेनेरियो, छह जुलाई (भाषा) ब्रिक्स समूह ने रविवार को पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और आतंकवाद को ‘कतई बर्दाश्त न करने’ का दृष्टिकोण अपनाने तथा इससे मुकाबला करने में दोहरे मापदंड त्यागने के भारत के रुख को दोहराया।

ब्राजील के इस समुद्र तटीय शहर में समूह के दो-दिवसीय शिखर सम्मेलन के पहले दिन ब्रिक्स देशों के शीर्ष नेताओं ने आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही सहित आतंकवाद से निपटने में अपने दृढ़ दृष्टिकोण को स्पष्ट किया।

ब्रिक्स नेताओं ने ‘रियो डी जेनेरियो घोषणापत्र’ जारी किया, जिसमें आतंकवाद के खतरे, पश्चिम एशिया की स्थिति और व्यापार एवं शुल्क से संबंधित मुद्दों सहित कई महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों पर समूह के रुख को दर्शाया गया।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

घोषणापत्र में नेताओं ने कहा, ‘‘हम 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।’

ब्रिक्स ने आतंकवादियों की सीमापार आवाजाही, आतंकवाद के वित्तपोषण और आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने सहित सभी तरह के आतंकवाद से निपटने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी।

ब्रिक्स घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘हम ‘आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने’ की नीति सुनिश्चित करने और आतंकवाद का मुकाबला करने में दोहरे मापदंड को खारिज करने का आग्रह करते हैं।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘हम आतंकवाद का मुकाबला करने में देशों की प्राथमिक जिम्मेदारी पर जोर देते हैं और यह कि उन्हें आतंकवादी खतरों को रोकने और उनका मुकाबला करने के वैश्विक प्रयासों में अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।’’

ब्रिक्स ने आतंकवाद-रोधी सहयोग को और गहरा करने का संकल्प लिया और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित सभी आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान किया।

समूह के नेताओं ने एकतरफा शुल्क और गैर-शुल्क उपायों के बढ़ने के बारे में भी गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसे परोक्ष तौर पर शुल्क को लेकर अमेरिका की नीति के संदर्भ के तौर पर देखा गया।

ब्रिक्स ने दुनिया के कई हिस्सों में जारी संघर्षों और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में ‘ध्रुवीकरण और विखंडन’ की वर्तमान स्थिति पर भी चिंता जतायी।

इसमें कहा गया है, ‘‘हम कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र की स्थिति के बारे में अपनी गंभीर चिंता दोहराते हैं।’’

भाषा

अमित सुरेश

सुरेश


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