क्या दोस्ती आपको जवान रख सकती है? उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है हमारा सामाजिक जीवन

क्या दोस्ती आपको जवान रख सकती है? उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है हमारा सामाजिक जीवन

क्या दोस्ती आपको जवान रख सकती है? उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है हमारा सामाजिक जीवन
Modified Date: October 12, 2025 / 05:05 pm IST
Published Date: October 12, 2025 5:05 pm IST

(जेम्स गुडविन, लॉफबोरो विश्वविद्यालय)

लॉफबोरो (ब्रिटेन), 12 अक्टूबर (द कन्वरसेशन) मैंने हाल में अपने स्थानीय विश्वविद्यालय के मेडिकल स्कूल में वृद्धावस्था विषयों के विशेषज्ञ प्रोफेसर लुइगी फेरुची का व्याख्यान सुना।

उनका एक वाक्य सचमुच मेरे दिल में बस गया, ‘‘वृद्धावस्था संबंधी विज्ञान में अगला बड़ा कदम यह समझना होगा कि जीवनशैली के कारक किस प्रकार वृद्धावस्था को धीमा करते हैं।’’

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मेरे लिए, यही अंतिम लक्ष्य है। अगर हम उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकें, तो हम उम्र से जुड़ी बीमारियों के साथ जीने के समय को कम या टाल सकते हैं।

दूसरे शब्दों में, हम लंबे समय तक स्वस्थ रह सकते हैं और जीवन के अंतिम कुछ वर्षों में ही वे बीमारियां हो सकती हैं, तथा समग्र रूप से युवा और बेहतर महसूस कर सकते हैं।

जब फेरुची अपना भाषण दे रहे थे, उसी समय एक नया अध्ययन प्रकाशित हो रहा था। इस अध्ययन में दिखाया गया था कि उम्र बढ़ने को प्रभावित करने वाले सबसे आश्चर्यजनक कारकों में से एक हमारा सामाजिक जीवन है।

ऐसा प्रतीत होता है कि दूसरों से जुड़े रहने से हमारी उम्र बढ़ने की गति धीमी हो सकती है।

हम काफी समय से जानते हैं कि मजबूत सामाजिक संबंधों वाले लोग लंबे समय तक जीवित रहते हैं और उनका सवास्थ्य बेहतर रहता है। यह बात कम स्पष्ट है कि हमारे सामाजिक संबंध जैविक स्तर पर हमारे शरीर को कैसे प्रभावित करते हैं।

दो हजार से अधिक वयस्कों पर किए गए इस नये अमेरिकी अध्ययन में शोधकर्ताओं ने लोगों के सामाजिक संबंधों की मजबूती और निरंतरता पर ध्यान दिया – जैसे पारिवारिक रिश्ते, समुदाय या धार्मिक समूहों में भागीदारी, भावनात्मक समर्थन और वे अपने समुदायों में कितने सक्रिय थे।

उन्होंने ‘संचयी सामाजिक लाभ’ (सीएसए) नामक एक मापक तैयार किया – मुख्य रूप से, यह मापदंड दर्शाता है कि कोई व्यक्ति सामाजिक रूप से अन्य लोगों से कितना जुड़ा हुआ है और उसे कितना समर्थन प्राप्त है। यह एक कदम आगे था क्योंकि पहले के अधिकांश अध्ययनों में केवल विवाह या मित्रता जैसे एकल कारकों पर ही ध्यान दिया जाता था।

इसके बाद शोधकर्ताओं ने सीएसए की तुलना उम्र बढ़ने के विभिन्न मानदंडों से की।

उन्होंने आयु (डीएनए परिवर्तनों के आधार पर, जिसे ‘एपिजेनेटिक घड़ियों’ के रूप में जाना जाता है), पूरे शरीर में सूजन के स्तर और लोगों के तनाव-संबंधी हार्मोन – जैसे कोर्टिसोल और एड्रिनैलिन – के व्यवहार का अवलोकन किया।

उन्होंने पाया कि मजबूत सामाजिक संबंध वाले लोगों में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है और सूजन भी कम होती है।

हालांकि, सामाजिक जीवन और अल्पकालिक तनाव प्रतिक्रियाओं के बीच कोई खास संबंध नहीं पाया गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि इन्हें मापना कठिन है।

कुल मिलाकर, यह अध्ययन इस बढ़ते प्रमाण को और पुख्ता करता है कि हमारे सामाजिक संबंध हमारी उम्र बढ़ने से गहराई से जुड़े हुए हैं। लेकिन शायद हमें ज़्यादा हैरान नहीं होना चाहिए। मनुष्य लाखों वर्षों में सामाजिक प्राणी के रूप में विकसित हुआ है।

सामाजिक लाभ–

अध्ययन में यह भी पाया गया कि सामाजिक लाभ व्यापक असमानताओं से जुड़ा हुआ है।

उच्च शिक्षा, बेहतर आय या किसी खास जातीय समूह से जुड़े लोगों में अक्सर उम्र बढ़ने की दर धीमी और सूजन कम देखी गई। इससे पता चलता है कि हमारी सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियां, दोनों ही हमारी उम्र को प्रभावित करती हैं।

(द कन्वरसेशन) रवि कांत सुभाष

सुभाष


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