क्या मैं अभी ‘एस्ट्राजेनेका’ और बाद में ‘फाइजर’ की वैक्सीन ले सकता हूं? जाने अपने सवालों के जवाब

क्या मैं अभी 'एस्ट्राजेनेका' और बाद में 'फाइजर' की वैक्सीन ले सकता हूं? जाने अपने सवालों के जवाब

क्या मैं अभी ‘एस्ट्राजेनेका’ और बाद में ‘फाइजर’ की वैक्सीन ले सकता हूं? जाने अपने सवालों के जवाब
Modified Date: November 29, 2022 / 08:51 pm IST
Published Date: May 31, 2021 12:57 pm IST

फियोना रसेल, मेलबर्न विश्वविद्यालय और जॉन हार्ट, मर्डोक चिल्ड्रन रिसर्च इंस्टीट्यूट

मेलबर्न, 31 मई (द कन्वरसेशन) एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए पात्रता में बदलाव, कोरोनावायरस के नए रूपों और आपूर्ति की बाधाओं के बीच, बहुत से लोग सोच रहे हैं कि क्या वे कोविड-19 की विभिन्न वैक्सीन को ‘मिक्स एंड मैच’’ करके ले सकते हैं। इसका मतलब है, उदाहरण के लिए, पहली खुराक के रूप में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन, दूसरी खुराक के रूप में फाइजर जैसी एक अलग वैक्सीन, और बाद में अन्य टीकों के साथ बूस्टर।

इसे लेकर चल रहे कई अध्ययन के बीच, हाल ही में स्पेन और ब्रिटेन में वैक्सीन को मिला जुलाकर लेने से जुड़े आंकड़े जारी किए गए हैं और यह आंकड़े बहुत आशाजनक हैं, और बताते हैं कि मिक्स एंड मैच शेड्यूल एक ही टीके की दो खुराक की तुलना में उच्च एंटीबॉडी स्तर दे सकता है। ऑस्ट्रेलिया के औषधि नियामक, थेरेप्यूटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन (टीजीए) ने अभी तक मिक्स एंड मैच कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम को मंजूरी नहीं दी है, कुछ देश पहले से ही ऐसा कर रहे हैं। तो यह कैसे काम करता है, और यह एक अच्छा विचार क्यों हो सकता है?

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दो वैक्सीन को लेने से क्या फायदा?

यदि कोविड-19 के वैक्सीनेशन कार्यक्रम में वैक्सीन के मिश्रण की इजाजत हो तो इससे सुविधा बढ़ेगी और एक सुविधाजनक टीकाकरण कार्यक्रम होने से हम वैश्विक आपूर्ति बाधाओं का सामना करने में सक्षम होंगे। यदि एक टीके की कमी है, तो आपूर्ति के लिए प्रतीक्षा करने के लिए पूरे कार्यक्रम को रोकने के बजाय, कार्यक्रम एक अलग टीके के साथ जारी रख सकते हैं, भले ही किसी को पहली खुराक के रूप में कोई भी टीका दिया गया हो।

यदि एक टीका वायरस के एक निश्चित प्रकार के खिलाफ दूसरे की तुलना में कम प्रभावी है, तो मिक्स एंड मैच शेड्यूल यह सुनिश्चित कर सकता है कि जिन लोगों को पहले से ही कम प्रभावी टीके की एक खुराक मिली है, उन्हें एक वैक्सीन के साथ बूस्टर मिल सकता है जो कि वायरस के उस संस्करण के खिलाफ अधिक प्रभावी है। कुछ देश पहले से ही मिक्स एंड मैच वैक्सीन शेड्यूल का उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के बारे में सिफारिशों को बदलने के बाद रक्त के थक्के जमने/रक्तस्राव की स्थिति का एक बहुत ही दुर्लभ दुष्प्रभाव है।

यूरोप के कई देश अब युवाओं को सलाह दे रहे हैं कि इस वैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद अब उन्हें दूसरी खुराक के रूप में एक वैकल्पिक टीका लेना चाहिए, आमतौर पर फाइजर जैसा एमआरएनए टीके। जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन, नॉर्वे और डेनमार्क उन देशों में शामिल हैं जो इस कारण से मिश्रित टीकाकरण कार्यक्रम की सलाह दे रहे हैं।

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क्या ये सुरक्षित है?

मई में लैंसेट में प्रकाशित यूके मिक्स एंड मैच स्टडी में, 50वर्ष से अधिक उम्र के 830 वयस्कों को पहले फाइजर या एस्ट्राजेनेका के टीके लगाने के लिए औचक रूप से चुना गया, फिर बाद में दूसरा टीका लगाया गया।

इस प्रयोग के बाद यह पाया गया कि जिन लोगों ने मिश्रित वैक्सीन ली, उनमें एक ही तरह की दोनो वैक्सीन लेने के बाद के प्रभावों की गैर मानक अनुसूची के मुकाबले टीके की दूसरी खुराक के बाद हल्के से मध्यम लक्षण विकसित होने की संभावना अधिक थी, जिसमें इंजेक्शन स्थल पर ठंड लगना, थकान, बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता, मांसपेशियों में दर्द शामिल थे।

हालांकि, ये प्रतिक्रियाएं अल्पकालिक थीं और कोई अन्य सुरक्षा चिंताएं नहीं थीं। शोधकर्ता अब यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि क्या पेरासिटामोल के शुरुआती और नियमित उपयोग से इन प्रतिक्रियाओं की आवृत्ति कम हो जाती है।

स्पेन में एक अन्य समान अध्ययन (जिसकी अभी समीक्षा नहीं की गई) में पाया गया कि अधिकांश दुष्प्रभाव हल्के या मध्यम और अल्पकालिक (दो से तीन दिन) थे, और एक ही टीके की दो खुराक लेने से होने वाले दुष्प्रभावों के समान थे।

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क्या यह प्रभावी है?

स्पेन के अध्ययन में पाया गया कि एस्ट्राजेनेका की प्रारंभिक खुराक के बाद, फाइजर बूस्टर प्राप्त करने के 14 दिनों के बाद लोगों में एंटीबॉडी का स्तर काफी अधिक था।ये एंटीबॉडी लैब टेस्ट में कोरोनावायरस को पहचानने और निष्क्रिय करने में सक्षम थे।

पहले के परीक्षण के आंकड़ों के अनुसार, एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की दो खुराक प्राप्त करने के मुकाबले फाइजर बूस्टर की यह प्रतिक्रिया अधिक असरकारक प्रतीत होती है। फाइजर के बाद एस्ट्राजेनेका लेने की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया अभी ज्ञात नहीं है, लेकिन ब्रिटेन के पास जल्द ही इस संयोजन के परिणाम भी उपलब्ध होंगे।

कोविड-19 को रोकने में मिक्स एंड मैच शेड्यूल कितने प्रभावी हैं, इस पर अभी तक कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। लेकिन संभावना है कि इसके परिणाम अच्छे ही होंगे।

 

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com