भारत के लिए अपनी भावनाओं को शब्दों में बयां नहीं कर सकता : जाकिर हुसैन |

भारत के लिए अपनी भावनाओं को शब्दों में बयां नहीं कर सकता : जाकिर हुसैन

भारत के लिए अपनी भावनाओं को शब्दों में बयां नहीं कर सकता : जाकिर हुसैन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : August 13, 2022/7:26 pm IST

(गुरदीप सिंह)

सिंगापुर, 13 अगस्त (भाषा) तबला वादक जाकिर हुसैन का कहना है कि भारत के लिए वह अपनी भावनाओं को शब्दों में बयां नहीं कर सकते क्योंकि देश उनके दिल में बहुत खास जगह रखता है।

हुसैन ने शनिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह ऐसी भावना है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। भारत मेरे लिए बहुत खास देश है। यह एक संगीत सिम्फनी की तरह है जो संगीत के विभिन्न घटकों के बावजूद महान रचनात्मकता का एकीकृत संयोजन करने में सक्षम है।”

हुसैन ने कहा, ‘‘वहां पैदा हुआ, पला-बढ़ा, शिक्षा प्राप्त की, कला की बारीकियां सीखी और अमेरिका में 40 से अधिक वर्षों तक निवास करने के बाद भी, मैं अपना भारतीय पासपोर्ट रखता हूं।’’

भारत की आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में एक संगीत कार्यक्रम के लिए यहां आए हुसैन ने कहा कि 1960-70 के दशक में, दुनिया ने भारत की ओर देखा और योग, ध्यान, संगीत और व्यंजनों की सराहना की। हुसैन ने कहा, ‘‘जब लोगों ने भारत के बारे में बात की, तो उन्होंने संस्कृति और उसके संगीत के बारे में बात की… और आप किसी देश को उसकी संस्कृति से अलग नहीं कर सकते।’’

हुसैन ने कहा कि एक देश को उसकी संस्कृति के कारण प्यार और सम्मान दिया जाता है, न कि केवल उसके धन भंडार के आधार पर। उन्होंने कहा कि महान संगीतकार रविशंकर, बिस्मिल्लाह खान और देश के कई महान कलाकारों ने पूरी दुनिया की यात्रा की, दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया और भारत की सांस्कृतिक रचनात्मकता की ओर ध्यान दिलाया।

भारत के उच्चायोग के सहयोग से सिंगापुर इंडियन फाइन आर्ट्स सोसाइटी (एसआईएफएएस) द्वारा संगीत कार्यक्रम का आयोजन रविवार को सिंगापुर और भारत के बीच घनिष्ठ सांस्कृतिक संबंधों का जश्न मनाते हुए किया जाएगा। हुसैन के साथ भारतीय कलाकार जयंती कुमारेश वीणा पर और कला रामनाथ वायलिन पर प्रस्तुति देंगी।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश

 

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