उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंधों के खिलाफ चीन और रूस ने किया वीटो |

उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंधों के खिलाफ चीन और रूस ने किया वीटो

उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंधों के खिलाफ चीन और रूस ने किया वीटो

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:43 PM IST, Published Date : May 27, 2022/11:53 am IST

संयुक्त राष्ट्र, 27 मई (एपी) चीन और रूस ने बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका द्वारा पेश उस प्रस्ताव के खिलाफ वीटो किया, जिसमें उत्तर कोरिया पर उसके अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के लिए नए कठोर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान था।

अमेरिका सहित कई अन्य देशों को आशंका है कि इन मिसाइलों का इस्तेमाल परमाणु हथियार ले जाने में किया जा सकता है।

15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में 13 मत प्रस्ताव के पक्ष में तो दो वोट इसके खिलाफ पड़े। उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंध संबंधी किसी प्रस्ताव को लेकर यूएनएससी के वीटो अधिकार वाले पांच स्थायी सदस्यों में इतने बड़े पैमाने पर मतभेद पहली बार दिखा।

दरअसल, सुरक्षा परिषद ने साल 2006 में उत्तर कोरिया के पहले परमाणु परीक्षण के बाद उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे। सुरक्षा परिषद ने बाद के वर्षों में इन प्रतिबंधों को और सख्त कर दिया था।

अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने बृहस्पतिवार को प्रस्ताव पर मतदान से पहले यूएनएससी के सदस्यों से एकजुटता की अपील की। उन्होंने इस साल उत्तर कोरिया द्वारा किए गए छह अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण को ‘पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए खतरा’ करार दिया।

ग्रीनफील्ड ने जोर देकर कहा कि दिसंबर 2017 में सुरक्षा परिषद द्वारा स्वीकार किए गए प्रतिबंध संबंधी पिछले प्रस्ताव में सदस्य देशों ने अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण जारी रखने पर उत्तर कोरिया को पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात और सीमित करने की प्रतिबद्धता जताई थी।

उत्तर कोरिया ने अपना अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पांच वर्षों के लिए निलंबित कर दिया था। हालांकि, ग्रीनफील्ड ने पिछले पांच महीनों में प्योंगयांग द्वारा किए गए मिसाइल प्रक्षेपण को ‘खतरा और चेतावनी’ करार देते हुए सुरक्षा परिषद से उसके खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया।

वहीं, संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जून ने बृहस्पतिवार को प्रस्ताव पर मतदान से पहले उत्तर कोरिया के खिलाफ नए प्रतिबंधों को लेकर बीजिंग का विरोध दोहराया।

उन्होंने अमेरिका से प्रतिबंधों का सहारा लेने के बजाय उत्तर कोरिया के साथ बातचीत दोबारा शुरू करने और कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति का राजनीतिक समाधान खोजने के लिए ‘सार्थक एवं व्यावहारिक कार्रवाई’ करने का आह्वान किया।

कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव के मद्देनजर झांग ने कहा, “शांत रहना, उकसावे वाली कार्रवाई से बचना और उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लगाने के बजाय कुछ प्रतिबंधों में ढील देना अहम है।”

चीनी राजदूत ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, “हमें नहीं लगता कि अतिरिक्त प्रतिबंध मौजूदा हालात से निपटने में मददगार होंगे। ये स्थिति को और भी खराब कर सकते हैं। इसलिए हम वास्तव में इनसे बचना चाहते हैं।”

एशिया में चीन के एक प्रमुख आर्थिक एवं सैन्य शक्ति के अलावा वाशिंगटन के सबसे बड़े प्रतिस्पर्धी के रूप में उभरने को लेकर अमेरिकी चिंताओं की तरफ इशारा करते हुए झांग ने कहा, “हम किसी को उत्तर कोरिया या कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति का इस्तेमाल उनके रणनीतिक या भूराजनीतिक एजेंडे की पूर्ति के लिए नहीं करते देखना चाहते।”

चीनी राजदूत ने कहा, “हम पूर्वोत्तर एशिया को युद्ध का मैदान बनाने या वहां टकराव या तनाव पैदा करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ हैं। इसलिए, उत्तर कोरिया के पड़ोसी और कोरियाई प्रायद्वीप के पड़ोसी के रूप में क्षेत्र में शांति, सुरक्षा बनाए रखना तथा वहां परमाणु निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देना हमारी जिम्मेदारी है। यही हमेशा हमारा लक्ष्य रहा है।”

बृहस्पतिवार को पेश प्रस्ताव के पारित होने के सूरत में उत्तर कोरिया को कच्चे तेल का निर्यात 40 लाख बैरल प्रति वर्ष से घटाकर 30 लाख बैरल और परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 5,00,000 बैरल प्रति वर्ष से घटाकर 3,75,000 बैरल करना संभव हो जाता। इसके अमल में आने से उत्तर कोरिया पर खनिज ईंधन, खनिज तेल और खनिज मोम का निर्यात करने पर प्रतिबंध लग जाता।

प्रस्ताव में उत्तर कोरिया को सभी तंबाकू उत्पादों की बिक्री या हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगाने, समुद्री पाबंदियां बढ़ाने और घड़ियों व उनके कलपुर्जों के निर्यात पर रोक लगाने का भी प्रावधान किया गया था। इसमें उत्तर कोरिया द्वारा स्थापित लजारस समूह की वैश्विक संपत्ति जब्त करने की भी व्यवस्था की गई थी।

एपी पारुल मनीषा शोभना

शोभना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers