चीन ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर आपत्ति जताई |

चीन ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर आपत्ति जताई

चीन ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर आपत्ति जताई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:41 PM IST, Published Date : October 13, 2021/6:03 pm IST

बीजिंग, 13 अक्टूबर (भाषा) चीन ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के अरुणाचल प्रदेश के हालिया दौरे पर बुधवार को आपत्ति जताई और कहा कि वह इस दौरे के पूरी तरह खिलाफ है क्योंकि उसने कभी राज्य को मान्यता नहीं दी है।

नायडू ने नौ अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था और राज्य विधानसभा के एक विशेष सत्र को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि पूर्वोत्तर में स्पष्ट बदलाव क्षेत्र में विकास के पुनरुत्थान का स्पष्ट साक्ष्य है जिसकी दशकों तक अनदेखी की जाती रही।

चीन अपनी स्थिति दिखाने के लिए भारतीय नेताओं के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर नियमित तौर पर आपत्ति व्यक्त करता रहा है।

भारत का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और भारतीय नेता इस राज्य का समय-समय पर उसी तरह दौरा करते हैं जिस तरह कि वे देश के अन्य हिस्सों का दौरा करते हैं।

नायडू के दौरे के बारे में चीन की आधिकारिक मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने कहा कि चीन ने राज्य को कभी मान्यता नहीं दी है।

उन्होंने कहा, ‘‘सीमा मुद्दे पर चीन की स्थिति अडिग और स्पष्ट है। चीन सरकार ने कभी भी भारतीय पक्ष द्वारा एकतरफा और अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है एवं यह भारतीय नेता के संबंधित क्षेत्र के दौरे का कड़ा विरोध करता है।’’

लिजान ने कहा, ‘हम भारतीय पक्ष से चीन की प्रमुख चिंताओं का ईमानदारी से सम्मान करने और ऐसी किसी कार्रवाई से बचने का आग्रह करते हैं जिससे सीमा मुद्दा और जटिल तथा विस्तारित हो एवं जो आपसी विश्वास और द्विपक्षीय संबंधों को कमतर करे।’

प्रवक्ता ने कहा, ‘इसके बजाय इसे चीन-भारत सीमा क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए वास्तविक ठोस कार्रवाई करनी चाहिए तथा द्विपक्षीय संबंधों को वापस पटरी पर लाने में मदद करनी चाहिए।’

भारत कहता रहा है कि द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से संबंधित मुद्दों का समाधान आवश्यक है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में 17 महीने से भारत और चीन के बीच चले आ रहे गतिरोध को दूर करने में विफल रहने के कुछ दिन बाद आई है।

भारतीय सेना ने सोमवार को कहा कि रविवार को हुई 13वें दौर की सैन्य वार्ता में उसके द्वारा दी गई ‘‘सकारात्मक सलाह’’ पर चीनी पक्ष सहमत नहीं हुआ और न ही वह उम्मीद दिखाने वाला कोई प्रस्ताव दे सका।

भाषा

नेत्रपाल नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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