चीनी अनुसंधान पोत हंबनटोटा बंदरगाह नहीं पहुंचा: श्रीलंका के अधिकारी |

चीनी अनुसंधान पोत हंबनटोटा बंदरगाह नहीं पहुंचा: श्रीलंका के अधिकारी

चीनी अनुसंधान पोत हंबनटोटा बंदरगाह नहीं पहुंचा: श्रीलंका के अधिकारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : August 11, 2022/10:10 pm IST

कोलंबो, 11 अगस्त (भाषा) श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह के अधिकारियों ने कहा है कि उच्च तकनीक वाला चीनी अनुसंधान पोत तय कार्यक्रम के मुताबिक बंदरगाह नहीं पहुंचा। यह पोत बृहस्पतिवार को लंगर डालने वाला था। पिछले दिनों भारत ने श्रीलंका में इस पोत की संभावित मौजूदगी को लेकर चिंता व्यक्त की थी।

‘न्यूजफर्स्ट डॉट एलके’ वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, हंबनटोटा बंदरगाह के ‘हार्बर मास्टर’ ने कहा है कि कोई भी जहाज उनकी अनुमति के बिना बंदरगाह में प्रवेश नहीं कर सकता। ‘हार्बर मास्टर’ ने कहा था कि चीनी बैलिस्टिक मिसाइल और उपग्रह निगरानी जहाज ‘युआन वांग 5’ बृहस्पतिवार को हंबनटोटा बंदरगाह नहीं पहुंचेगा।

पिछले हफ्ते, भारत द्वारा व्यक्त की गई सुरक्षा चिंताओं के कारण श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने बीजिंग से ‘युआन वांग 5’ के आगमन को टालने के लिए कहा था, जिसे 11 से 17 अगस्त तक हंबनटोटा बंदरगाह पर लंगर डालना था।

हालांकि, इस बात की कोई घोषणा नहीं की गई थी कि पोत को हंबनटोटा बंदरगाह में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी या नहीं। ‘युआन वांग 5’ चीन से 14 जुलाई को रवाना हुआ था और अब तक इसने अपने रास्ते में एक भी बंदरगाह में प्रवेश नहीं किया है। जहाज लगभग 28 दिनों से यात्रा में है।

श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने 12 जुलाई को हंबनटोटा बंदरगाह पर जहाज को लंगर डालने के लिए मंजूरी दी थी। आठ अगस्त को, मंत्रालय ने कोलंबो में चीनी दूतावास को लिखे एक पत्र में जहाज के तय कार्यक्रम के मुताबिक ठहराव को स्थगित करने का अनुरोध किया। हालांकि, मंत्रालय ने इस तरह के अनुरोध का कारण नहीं बताया। ‘युआन वांग 5’ उस समय तक हिंद महासागर में प्रवेश कर चुका था।

हंबनटोटा के बंदरगाह को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। बंदरगाह को बड़े पैमाने पर चीनी कर्ज की मदद से विकसित किया गया है। ‘न्यूजफर्स्ट डॉट एलके’ की खबर में कहा गया है कि बृहस्पतिवार शाम तक ‘युआन वांग 5’ श्रीलंकाई जल क्षेत्र में दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा से लगभग 600 समुद्री मील दूर था। पोत अब श्रीलंका के पूर्व से बंगाल की खाड़ी से गुजरेगा।

भाषा आशीष नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)