कोविड वायरस के अनुक्रमण का प्रकाशन करने वाले चीनी वैज्ञानिक को काम करने की अनुमति मिली

कोविड वायरस के अनुक्रमण का प्रकाशन करने वाले चीनी वैज्ञानिक को काम करने की अनुमति मिली

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  • Publish Date - May 1, 2024 / 04:22 PM IST,
    Updated On - May 1, 2024 / 04:22 PM IST

बीजिंग, एक मई (एपी) चीन में कोविड-19 वायरस के अनुक्रमण से जुड़ी जानकारी सबसे पहले प्रकाशित करने वाले वैज्ञानिक ने कहा कि उन्हें कई दिन के विरोध प्रदर्शन के बाद अपनी प्रयोगशाला में शोधकार्य करने की अनुमति दे दी गई है।

वैज्ञानिक झांग योंगझेन ने बुधवार को सोशल मीडिया में अपने पोस्ट में लिखा कि प्रयोगशाला का जिम्मा संभालने वाले चिकित्सा केन्द्र ने आधी रात के बाद उन्हें और उनकी टीम को प्रयोगशाला में लौटने और शोध जारी रखने पर ‘‘अस्थाई तौर पर अनुमति’’ दी।

झांग ने चीन के सोशल मीडिया मंच वेइबो में लिखा, ‘‘अब मेरी टीम के सदस्य प्रयोगशाला में बेरोक-टोक आ जा सकते हैं।’’

झांग और उनकी टीम को निर्माण कार्य के लिए बृहस्पति को अचानक प्रयोगशाला छोड़ने के लिए कहा गया था। झांग ने रविवार को अपनी प्रयोगशाला के बाहर धरना शुरू कर दिया। यह घटनाक्रम कोरोना वायरस पर अनुसंधान कर रहे वैज्ञानिकों पर बीजिंग के बढ़ते दबाव का संकेत देता है।

बारिश के बीच झांग जमीन पर रखी एक लकड़ी पर बैठ गए वहीं उनकी टीम एक बैनर लिए हुए थी जिसमें शोध कार्य प्रारंभ करने की अनुमति की मांग की गई थी।

इस विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें सोशल मीडिया मंच पर सार्वजनिक हो गईं और इससे स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ने लगा।

‘शंघाई पब्लिक हेल्थ क्लिनिकल सेंटर’ ने सोमवार को कहा था कि झांग की प्रयोगशाला का नवीनीकरण किया जा रहा है और सुरक्षा कारणों से इसे बंद किया गया है। केन्द्र ने साथ ही कहा कि उसने झांग की टीम को वैकल्पिक प्रायोगशाला स्थल की पेशकश की थी लेकिन झांग ने कहा कि उनकी टीम को कोई विकल्प नहीं दिया गया और नयी प्रयोगशाला अनुसंधान के लिए सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं है।

झांग से जुड़ी यह घटना दिखाती है कि चीन कैसे वायरस से जुड़ी जानकारियों को नियंत्रित कर रहा है।

‘एसोसिएटेड प्रेस’ की जांच में पाया गया कि सरकार ने कोरोना वायरस फैलने के शुरुआती दिनों से ही इसके बारे में पता लगाने के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को रोकने की कोशिश की थी। यह सिलसिला अब भी जारी है, प्रयोगशालाएं बंद हैं, विदेशी वैज्ञानिकों को देश से जाने के लिए कहा गया और चीनी अनुसंधानकर्ताओं के देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है।

झांग के साथ टकराव की यह स्थिति तब शुरू हुई जब उन्होंने और उनकी टीम ने पांच जनवरी 2020 को वायरस को ‘डिकोड’ किया और चीनी अधिकारियों को इसके फैलने की आशंका के बारे में चेतावनी दी। हालांकि झांग ने अनुक्रम को सार्वजनिक नहीं किया था।

इसके अगले दिन चीन के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने झांग की प्रयोगशाला को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया।

शीघ्र ही विदेशी वैज्ञानिकों को पता चल गया कि झांग और अन्य चीनी वैज्ञानिकों ने वायरस के बारे में जानकारी जुटा ली है और उन्होंने चीन से इसका अनुक्रमण जारी करने का अनुरोध किया। चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों से अनुमति न मिलने के बावजूद झांग ने 11 जनवरी 2020 को इसे प्रकाशित किया।

किसी वायरस के अनुक्रमण के जारे में जानकारी इस लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके आधार पर ही आगे की जांच, बचाव के तरीके आदि तैयार करने में मदद मिलती है।

झांग को उनके काम के लिए विदेशों में सम्मानित किया गया लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने उन्हें चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र में उनके पद से हटा दिया और इससे उनके शोध में बाधा उत्पन्न हुई।

हालांकि झांग को सरकार में कुछ स्तर पर समर्थन हासिल है और उनके प्रदर्शन को चीन की नियंत्रित मीडिया में काफी जगह मिली। इससे यह संकेत मिलते हैं कि सरकार के भीतर ही झांग और उनकी टीम के साथ बर्ताव को लेकर मतभेद हैं।

झांग ने बुधवार को एक पोस्ट में समर्थन के लिए लोगों का आभार व्यक्त किया।

एपी शोभना अविनाश

अविनाश