संयुक्त राष्ट्र, 27 अक्टूबर (भाषा) म्यांमा में संयुक्त राष्ट्र की निवर्तमान राजदूत ने कहा कि देशभर में ‘गृह युद्ध’ फैला हुआ है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सैन्य शासन के नेताओं की जगह ऐसे लोगों को लाने के उद्देश्य वाले कदमों पर विचार करना चाहिए जो अधिक रचनात्मक हैं और निर्वाचित सरकार को सेना द्वारा हटाये जाने का शांतिपूर्ण समाधान खोजना चाहते हैं।
क्रिस्टीन श्रेनर बर्गनर का साढ़े तीन साल का कार्यकाल रविवार को समाप्त हो रहा है। उन्होंने ‘एसोसिएटिड प्रेस’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि अलग-अलग देशों या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा लगाई गयी पाबंदियां इस तरह का कदम हो सकती हैं, लेकिन ये उन पर निर्भर करता है।
उन्होंने सेना के उप कमांडर, वाइस सीनियर जनरल सोई विन के समक्ष 16 जुलाई को ‘समग्र वार्ता’ करने का विचार रखा था लेकिन उन्हें कभी जवाब नहीं मिला और सितंबर से लेकर अब तक सेना की तरफ से कोई संवाद नहीं किया गया।
म्यांमा लगभग पांच दशक तक सख्त सैन्य शासन के अधीन रहा है जिसकी वजह से वह अंतरराष्ट्रीय रूप से अलग-थलग रहा। जब सैन्य जनरलों ने थोड़ी लगाम ढीली छोड़ी तो 2015 के चुनाव में नोबेल शांति पुरस्कार आंग सान सू ची नेता के रूप में उभरीं और इस दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अधिकतर पाबंदियों को हटा दिया और देश में निवेश शुरू हो गया।
नवंबर में हुए चुनाव के बाद एक फरवरी को सेना ने तख्ता पलट कर दिया। इस चुनाव में सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने जबरदस्त जीत हासिल की।
एपी
वैभव पवनेश
पवनेश
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