राष्ट्रमंडल देशों के नेताओं ने रवांडा की बैठक में जलवायु कार्रवाई की वकालत की |

राष्ट्रमंडल देशों के नेताओं ने रवांडा की बैठक में जलवायु कार्रवाई की वकालत की

राष्ट्रमंडल देशों के नेताओं ने रवांडा की बैठक में जलवायु कार्रवाई की वकालत की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : June 23, 2022/8:50 pm IST

किगाली (रवांडा), 23 जून (एपी) राष्ट्रमंडल देशों के नेता इस सप्ताह रवांडा में होने वाली एक बैठक में जलवायु परिर्वतन के खिलाफ कार्रवाई को बढ़ाने का आह्वान कर सकते हैं और इस संबंध में एक चार्टर अपना सकते हैं।

इसके बाद साल के अंत में मिस्र के शर्म अल शेख में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखरवार्ता आयोजित होनी है।

जलवायु परिवर्तन का विषय 54 देशों के इस समूह के लिए चिंता का बड़ा विषय है। इसमें छोटे-छोटे द्वीपीय देश भी शामिल हैं जो बढ़ते वैश्विक तापमान के बीच खतरों का सामना कर रहे हैं।

मौसम संबंधी हालिया घटनाक्रम और भीषण गर्मी, अत्यधिक तापमान, सूखा, चक्रवाती तूफान, बाढ़ और बढ़ता समुद्र स्तर जैसे घटनाक्रम राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों को सर्वाधिक प्रभावित करते हैं।

पिछले साल स्कॉटलैंड में संयुक्त राष्ट्र की जलवायु वार्ता का नेतृत्व करने वाले ब्रिटिश अधिकारी आलोक शर्मा ने बृहस्पतिवार को सदस्य देशों से आग्रह किया कि 2030 के लिए निर्धारित उत्सर्जन कटौती लक्ष्यों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करें।

उन्होंने रवांडा की राजधानी किगाली में राष्ट्रमंडल शिखरवार्ता से इतर एक व्यापारिक मंच से कहा, ‘‘मित्रों, हमारे लिए जरूरी है कि क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित करें और हर देश को ग्लासगो जलवायु समझौते पर ध्यान देना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल देशों की सरकारों को 23 सितंबर तक अपने उत्सर्जन कटौती लक्ष्य जमा करने चाहिए जिनमें उनकी ‘‘दीर्घकालिक रणनीतियां शामिल हों’’।

शर्मा ने कहा कि बारबाडोस जैसे द्वीपीय देशों के लिए हालात बहुत साफ हैं और उनके लिए जलवायु परिवर्तन से निपटना ‘‘जीवन और मृत्यु के बीच अंतर जैसा’’ है।

राष्ट्रमंडल की परंपरागत प्रमुख के रूप में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के प्रतिनिधि के तौर पर ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स भी समूह की वैश्विक जलवायु संबंधी कार्रवाइयों की पैरोकारी कर सकते हैं।

राष्ट्रमंडल देशों के नेता इस सप्ताह के अंत में बहुप्रतीक्षित ‘लिविंग लैंड्स चार्टर’ को अपना सकते हैं जो जलवायु परिवर्तन, भूमि क्षय और जैवविविधता क्षति से निपटने की कार्ययोजना है।

सम्मेलन से इतर एक और बैठक में राष्ट्रमंडल महासचिव पैट्रिसिया स्कॉटलैंड ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अब तक के सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रयासों की जरूरत होगी।’’

स्कॉटलैंड ने कहा, ‘‘ ‘लिविंग लैंड्स चार्टर’ हमारी प्रतिबद्धताओं का दस्तावेज है। यह वैश्विक औसत तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 डिग्री फेरेनहाइट) पर रोकने के हमारे सामूहिक प्रयासों की रूपरेखा है।’’

एपी वैभव पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)