कोविड-19 का टीका लगवाना अनिवार्य नहीं होगा, वैक्सीन नि:शुल्क और सभी के लिए उपलब्ध होगी : बाइडन

कोविड-19 का टीका लगवाना अनिवार्य नहीं होगा, वैक्सीन नि:शुल्क और सभी के लिए उपलब्ध होगी : बाइडन

कोविड-19 का टीका लगवाना अनिवार्य नहीं होगा, वैक्सीन नि:शुल्क और सभी के लिए उपलब्ध होगी : बाइडन
Modified Date: November 29, 2022 / 08:17 pm IST
Published Date: December 5, 2020 4:47 am IST

वाशिंगटन, पांच दिसंबर (भाषा)। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी लोगों को कोरोना वायरस का टीका लगवाने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और वह खुद सार्वजनिक तौर पर टीका लगवाने के इच्छुक हैं ताकि इसके प्रभावी होने और इससे जुड़ी चिंताओं को दूर किया जा सके।

बाइडन ने डेलावेयर के विलमिंग्टन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि टीका लगवाना अनिवार्य नहीं होना चाहिए। मैं इसे अनिवार्य बनाने के लिए नहीं कहूंगा, लेकिन मैं अपनी शक्ति के अनुसार हर संभव चीज उसी तरह करूंगा जैसा मैं नहीं मानता कि मास्क लगाना देश भर में अनिवार्य होना चाहिए।’’

ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आज बिलासपुर दौरा, 43वें राऊत नाचा महोत्सव में होंगे

 ⁠

बाइडन कोविड-19 का टीका तैयार होने पर इसे सभी के लिए अनिवार्य होने के संबंध में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

बाइडन ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि टीका नि:शुल्क और सभी के लिए उपलब्ध हो और अगर इस टीका से किसी तरह की दिक्कत होती है तो उससे जुड़ा इलाज भी मुफ्त हो।

उन्होंने कहा कि वह अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में लोगों को सही दिशा में कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे । उन्होंने कहा कि वह अपने उद्घाटन भाषण में लोगों से कहने जा रहे हैं कि वे 100 दिन तक मास्क पहनने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करें।

ये भी पढ़ें- किसान आंदोलनः 5वें दौर के बैठक में हल निकलने की संभावना, किसान बोले- नहीं माने

बाइडन ने कहा कि अगर लोग 100 दिन तक ऐसा करते हैं और टीके का वितरण शुरू होता है तो वह देखेंगे कि मृत्यु दर एकदम घट गई है तो उन्हें उम्मीद है कि लोग इसे ‘हां’ कहेंगे और इसे देश के लिए अपना कर्तव्य मानकर आगे आएंगे और दूसरे लोगों की रक्षा करेंगे।

शुक्रवार को अमेरिका में संक्रमण से 2,861 लोगों की मौत हुई। अब तक 1.4 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 275,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।


लेखक के बारे में