कोविड यात्रा पाबंदियों ने घर जाने के इच्छुक प्रवासियों के लिए बाधाएं पैदा कर दी |

कोविड यात्रा पाबंदियों ने घर जाने के इच्छुक प्रवासियों के लिए बाधाएं पैदा कर दी

कोविड यात्रा पाबंदियों ने घर जाने के इच्छुक प्रवासियों के लिए बाधाएं पैदा कर दी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : November 24, 2021/12:38 pm IST

(मारिया टेरेसा फेराज्जोली, रिसर्च एसोसिएट, समाजशास्त्र अध्ययन विभाग, शेफील्ड विश्वविद्यालय और जूली वॉल्श, समाजशास्त्र की व्याख्याता, शेफील्ड विश्वविद्यालय)

शेफील्ड (इंग्लैंड), 24 नवंबर (द कन्वरसेशन) महामारी के शुरुआती दिनों में कई देशों ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए अपनी सीमाएं बंद कर दी। अंतरराष्ट्रीय सफर केवल ‘‘आवश्यक’’ यात्रा, कुछ देशों के यात्रियों पर पाबंदियों और टीकाकरण ‘‘पासपोर्ट’’ समेत बदलती चेतावनियों के साथ सीमित है।

अनिवार्य जन स्वास्थ्य उपाय होने के साथ ही ये पाबंदियां कई लोगों खासतौर से प्रवासी परिवारों के लिए बाध्यकारी रहीं। इन परिवारों के लिए पारिवारिक दायित्वों को पूरा करने और ‘‘परिवारवाद’’ की भावना बनाए रखने के लिए यात्रा एक आवश्यक हिस्सा है।

ये नीतियां अंतरराष्ट्रीय परिवारों के लिए ‘‘एवरीडे बॉर्डरिंग’’ की नयी परत पेश करती है। ‘‘एवरीडे बॉर्डरिंग’’ शब्द यह बताता है प्रवास के आसपास की नीति और मीडिया की धारणाएं कैसे प्रवासियों के दैनिक जीवन पर असर डालती हैं और यह परिभाषित करती हैं कि कौन किसी देश से ‘‘ताल्लुक’’ रखता है। ब्रिटेन में ये सीमाएं राज्य के ‘‘शत्रुतापूर्ण वातावरण’’ को बढ़ाती हैं जिनका मकसद पर्याप्त दस्तावेजों के बिना ब्रिटेन में रहना जहां तक संभव हो, मुश्किल बनाना है।

प्रवासियों के लिए उनका मूल देश घर और परिवार का प्रतिनिधित्व करता है। कई लोगों के कुशलक्षेम के लिए घर जाना महत्वपूर्ण है और इससे प्रवासियों को परिवार की परंपराओं और धार्मिक तथा सांस्कृतिक उत्सवों का हिस्सा बनने में मदद मिलती है। यात्रा करना बूढ़े, बीमार या युवा रिश्तेदारों के लिए देखभाल का दायित्व पूरा करने के लिए भी आवश्यक है।

कोविड-19 संबंधी यात्रा पाबंदियों के कारण प्रवासियों के लिए यात्रा करना महंगी और जटिल प्रक्रिया हो गयी। यह ऐसे समय में हुआ जब देश से बाहर जाकर परिवार की देखभाल करना और उनसे मुलाकात करना महत्वपूर्ण हो गया है।

एवरीडे बॉर्डर :

हमारे अध्ययन ‘‘एवरीडे बॉर्डरिंग इन यूके’’ का मकसद यह समझना है कि कोविड-19 यात्रा पाबंदियों समेत प्रवासी कानून का सामाजिक देखभाल करने वाले लोगों और प्रवासी परिवारों पर क्या असर पड़ा है।

हमने यह पाया कि विविध प्रवासी पृष्ठभूमियों के परिवारों के लिए रोज की सीमाओं का अनुभव कैसा रहा। हालांकि अंतरराष्ट्रीय पारिवारिक दायित्व हमारे ध्यान का मुख्य केंद्र नहीं था लेकिन हमारे अध्ययन से पता चला कि कोविड-19 यात्रा पाबंदियों का असर अंतरराष्ट्रीय पारिवारिक जीवन पर पड़ा। हमारे अनुसंधानकर्ता के खुद के यात्रा अनुभव ने भी इसकी तस्दीक की जब वह इटली में अपने परिवार से मिलने गया।

हमारे अध्ययन में भाग लेने वाले लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों के बारे में चर्चा की और लिखा, जो ब्रिटेन में नहीं रहते और उनकी देखभाल के लिए जिम्मेदारी का अहसास जताया। यह दिखाता है कि परिवार के सदस्यों के लिए यात्रा करना कितना अहम है।

कुछ ने प्रतिबंधात्मक वीजा शर्तों या उड़ानों की अधिक कीमतों के कारण यात्रा न कर पाने के लिए खेद जताया।

आवश्यक यात्रा :

अब कई देशों के यात्रा के लिए अपनी सीमाएं फिर से खोलने पर सरकारों और एयरलाइनों ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कई उपाय लागू किए हैं। इसमें यूरोपीय संघ का ग्रीन पास, ब्रिटेन का यात्री लोकेटर फॉर्म, कोविड-19 से संक्रमित न पाए जाने के सबूत और होटलों में अनिवार्य रूप से पृथक वास करने के उदाहरण शामिल हैं।

तुर्की और भारत में अपनी मां से मिलने की इच्छा रखने के बावजूद अध्ययन में भाग लेने वाले दो लोगों के लिए ये उपाय महंगे और ‘‘जटिल’’ हैं। उन्होंने पाया कि यात्रा करना काफी मुश्किल होगा और इसलिए उन्होंने अपने परिवारों से मुलाकात करने की योजनाएं रद्द कर दीं।

कोविड-19 की वैश्विक आपात स्थिति ने सरकारों के लिए कई चुनौतियां पेश की हैं। 2020 की शुरुआत में इस संकट के चरम पर होने के बाद से ब्रिटेन समेत कई देशों ने देखभाल करने वाले लोगों को अलग-अलग घरों में जाने की अनुमति दी है। अंतरराष्ट्रीय यात्रा पाबंदियां जन स्वास्थ्य प्रतिक्रियाओं का अहम हिस्सा हैं लेकिन इन स्वास्थ्य संकटों के संदर्भ में प्रवासी परिवारों की यात्रा करने की जरूरत को समझा जाना चाहिए।

हमारा मानना है कि स्वास्थ्य संबंधित पाबंदियों को समयबद्ध तरीके से हटाया जाना चाहिए लेकिन सरकार कम अवधि में प्रवासी परिवारों की मदद के लिए और उपाय कर सकती है। अगर हम देशों के बीच अलग-अलग नियमों पर विचार करें तो मौजूदा व्यवस्था बहुत ज्यादा जटिल, महंगी और विरोधाभासी है। यात्रा करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के मानकीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौते करने की आवश्यकता है।

द कन्वरसेशन गोला प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)