कीव, 14 जनवरी (एपी) यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हुए साइबर हमलों के बाद शुक्रवार को कई सरकारी वेबसाइट अस्थायी रूप से बंद हो गई। देश के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इन हमलों के पीछे कौन है, लेकिन ये हमले ऐसे समय पर किए गए हैं जब मॉस्को और अन्य पश्चिमी देशों के बीच इस सप्ताह हुई वार्ता में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं होने के बाद यूक्रेन और रूस के बीच तनाव बढ़ गया है।
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने शुक्रवार को ‘एसोसिएटेड प्रेस’से कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि इस हमले के पीछे कौन है। उन्होंने कहा, ‘‘ किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी क्योंकि मामलों की जांच चल रही है लेकिन यूक्रेन के खिलाफ रूस के साइबर हमले का लंबा इतिहास रहा है।’’
रूस पूर्व में यूक्रेन के खिलाफ साइबर हमलों से इनकार करता रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, देश की कैबिनेट, सात मंत्रालयों, कोषागार, राष्ट्रीय आपदा सेवा और पासपोर्ट तथा टीकाकरण प्रमाण पत्र संबंधी राज्य सेवा की वेबसाइट हैकिंग की वजह से उपलब्ध नहीं हैं।
खबरों के मुताबिक, हैकरों ने विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर यूक्रेनी, रूसी और पोलिश भाषा में संदेश लिखा कि यूक्रेनवासियों के निजी आंकड़े सार्वजनिक मंच पर लीक कर दिए गए हैं। संदेश में लिखा गया, ‘‘चिंता करो एवं और बुरे की उम्मीद करो। यह तुम्हारे भूतकाल, वर्तमान और भविष्य के लिए है।’’
यूक्रेन की संचार और सूचना सरंक्षण की सरकारी सेवा ने हालांकि दावा किया है कि कोई निजी डेटा लीक नहीं हुआ है।
यूक्रेन के डिजिटल परिवर्तन मंत्री मिखाइलो फेडोरोव ने जोर देकर कहा कि निजी डाटा सुरक्षित है क्योंकि ‘‘साइबर हमले में वेबसाइट का परिचालन प्रभावित हुआ है न कि रजिस्ट्री।’’
उन्होंने कहा कि कुछ वेबसाइट को हमले के बाद उनके प्रशासन ने बंद कर दिया है ताकि नुकसान को रोका जा सके और हमले की जांच की जा रही है। फेडोरोव ने बताया कि प्रभावित वेबसाइट में ‘‘अधिकतर को बहाल’’कर दिया गया है।
गौरतलब है कि अमेरिका का अनुमान है कि यूक्रेन की सीमा पर रूस के एक लाख सैनिक जमा हैं और उनके यूक्रेन पर हमला करने की आशंका है। रूस ने ऐसी किसी भी योजना से इनकार किया है।
यूरोपीय संघ के विदेश नीति मामलों के प्रमुख जोसफ बोरले ने शुक्रवार को कहा कि 27 सदस्यीय उनका संगठन अपने सभी संसाधनों को यूक्रेन की तकनीकी मदद करने के लिए देने को तैयार ताकि अकसर होने वाले साइबर हमलों से निपटने की उसकी क्षमता को बढ़ाया जा सके।
बोरेल ने फ्रांस के बंदरगाह शहर ब्रिस्ट में यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक में कहा कि ईयू अपनी साइबर त्वरित प्रतिक्रिया को सक्रिय करेगा।
बोरेल ने हमले के पीछे की शक्तियों के बारे में पूछे जाने पर कहा,‘‘मैं किसी पर उंगली नहीं उठा सकता क्योंकि मेरे पास सबूत नहीं है लेकिन कोई भी कल्पना कर सकता है।’’
गौरतलब है कि यूक्रेन पर साइबर हमले का पुराना इतिहास है और वर्ष 2017 में नोटपेट्या नाम के वायरस से सबसे बड़ा हमला किया गया था जिसमें यूक्रेन के कारोबार को निशाना बनाया गया था। उस हमले में वैश्विक स्तर पर करीब 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।
एपी धीरज पवनेश
पवनेश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)