स्वीडन और फिनलैंड को नाटो में शामिल करने को लेकर गतिरोध का हल निकाल लिया जाएगा: नाटो प्रमुख

स्वीडन और फिनलैंड को नाटो में शामिल करने को लेकर गतिरोध का हल निकाल लिया जाएगा: नाटो प्रमुख

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  • Publish Date - May 19, 2022 / 09:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:54 PM IST

इस्तांबुल, 19 मई (एपी) तुर्की के राष्ट्रपति ने बृहस्पतिवार को जारी एक वीडियो में कहा कि उनका देश स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के प्रयासों का विरोध करेगा, लेकिन नाटो के प्रमुख ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि गतिरोध को सुलझा लिया जाएगा और दोनों नॉर्डिक देश जल्द समूह में शामिल होंगे।

फिनलैंड और स्वीडन के पश्चिमी देशों के सैन्य संगठन में शामिल होने के आवेदन पर तुर्की की मंजूरी महत्वपूर्ण है क्योंकि नाटो के फैसले आम-सहमति से होते हैं। नाटो के सभी 30 सदस्य देशों को किसी देश की सदस्यता के लिए सहमति देने का वीटो अधिकार है।

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने देश के युवा और खेल दिवस ‘अतातुर्क’ के अवसर पर जारी वीडियो में तुर्की के युवाओं से कहा, ‘‘हमने अपने संबंधित मित्र देशों से कह दिया है कि हम नाटो में फिनलैंड और स्वीडन के प्रवेश के लिए मना करेंगे और हम अपने इसी तरह के रुख पर कायम रहेंगे।’’

इस बीच नाटो महासचिव जेन्स स्टॉल्टेनबर्ग ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें भरोसा है कि ‘‘हम स्वीडन और फिनलैंड दोनों के नाटो परिवार में शामिल होने के लिए उनका स्वागत करने के लिहाज से जल्द फैसला लेंगे।’’

उन्होंने डेनमार्क के कोपेनहेगन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम तुर्की की चिंताओं पर ध्यान दे रहे हैं क्योंकि जब तुर्की जैसा कोई महत्वपूर्ण सहयोगी सुरक्षा चिंता उठाता है, तो इससे निपटने का एक मात्र तरीका बैठकर बात करना और समाधान निकालना है।’’

एर्दोआन ने कहा है कि तुर्की का यह विरोध स्वीडन तथा कुछ हद तक फिनलैंड के भी प्रतिबंधित कुर्दिश वर्कर्स पार्टी के समर्थन को लेकर है। यह सीरिया का एक सशस्त्र संगठन है।

एपी वैभव पवनेश

पवनेश