हूती और सहायता समूह बोले, यमन की जेल पर हमले में मरने वालों की संख्या 82 हुई |

हूती और सहायता समूह बोले, यमन की जेल पर हमले में मरने वालों की संख्या 82 हुई

हूती और सहायता समूह बोले, यमन की जेल पर हमले में मरने वालों की संख्या 82 हुई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : January 22, 2022/7:08 pm IST

काहिरा, 22 जनवरी (एपी) यमन में हूती विद्रोहियों द्वारा संचालित जेल पर सऊदी अगुवाई वाले सैन्य गठबंधन की ओर से किए गए हवाई हमले में जान गंवाने वाले बंदियों की संख्या बढ़कर 82 हो गई है। हूती विद्रोहियों और एक सहायता समूह ने शनिवार को यह जानकारी दी। यमन में इंटरनेट सेवा बड़े पैमाने पर बाधित हुई है।

उत्तरी सादा प्रांत में शुक्रवार को किया गया हवाई हमला संयुक्त जमीनी और हवाई कार्रवाई का हिस्सा था। इस संघर्ष में एक तरफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार है जिसे सऊदी अगुवाई वाली गठबंधन का समर्थन मिल रहा है, तो दूसरी तरफ ईरान समर्थित हूती विद्रोही हैं।

ताजा तनातनी हूती विद्रोहियों के उस दावे के बाद हुए जिसमें उन्होंने एक सप्ताह पहले संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी के अंदर ड्रोन और मिसाइल हमले करने की बात कही थी। इसका असर यह हुआ कि संयुक्त अरब अमीरात की अगुवाई वाले गठबंधन द्वारा किए गए हवाई हमलों की सहायता के बूते सरकारी सैनिकों ने हूतियों से शबवा के पूरे प्रांत को पुनः प्राप्त कर लिया है। सरकारी ने सेना ने हूतियों पर मध्य प्रांत मारिब में जाने का दबाव बना दिया है।

हूती करीब एक साल से शबवा में रहकर प्रांतीय राजधानी पर नियंत्रण करने का प्रयास कर रहे थे।

यमन में एक चैरिटी मिशन ’डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के प्रमुख अहमद महत ने बताया कि हवाई हमले में कम से कम 82 लोग मारे गए हैं और 265 से अधिक घायल हुए। हूतियों के मीडिया कार्यालय ने कहा कि सऊदी अरब की सीमा पर सादा प्रांत में जेल स्थल के मलबे में बचावकर्मी जिंदा बचे लोगों और शवों की तलाश कर रहे हैं।

सऊदी गठबंधन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल तुर्की अल-मल्की ने आरोप लगाया कि हूति विद्रोहियों ने संयुक्त राष्ट्र या रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति को हवाई हमलों से सुरक्षा की जरूरत वाले स्थानों की सूचना नहीं दी थी। मानवीय संगठन ‘सेव द चिल्ड्रेन’ के अनुसार हूतियों ने हिरासत में लिए गए प्रवासियों को रखने के लिए जेल परिसर का इस्तेमाल किया, इनमे से ज्यादातर अफ्रीकी युद्ध ग्रस्त देश यमन से सऊदी अरब जाने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के महत’ ने कहा कि हवाई हमले ने अन्य प्रकार के बंदियों के आवास को निशाना बनाया, वहां के प्रवासी सुरक्षित हैं।

सादा हमला कोई नई बात नहीं है, इसके पहले भी सऊदी अगुवाई वाले गठबंधन ने हूती विद्रोहियों पर हमले किए है। इसके पहले सितबंर 2019 के हवाई हमले में दक्षिण-पश्चिम प्रांत धामर के बंदी गृह को निशाना बनाया गया था जिसके कारण 100 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे। अरब दुनिया के सबसे गरीब देश यहम में संघर्ष 2014 में तब शुरू हुआ, जब हूती विद्रोहियों ने राजधानी सना और उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया। इसके बाद सरकार को दक्षिण की ओर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा, फिर सऊदी अरब में निर्वासन के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद अमेरिकी समर्थन प्राप्त सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने महीनों बाद यमन के युद्ध में प्रवेश किया। फिर यह संघर्ष एक क्षेत्रीय छद्म युद्ध बन गया जिसमें अब तक हजारों नागरिक और लड़ाके मारे जा चुके हैं। इस युद्ध ने दुनिया का सबसे दयनीय मानवीय संकट पैदा किया है। यमन में लाखों लोग भोजन और चिकित्सकीय देखभाल की समस्या से जूझ रहे हैं। युद्ध ने इस देश को अकाल की कगार पर पहुंचा दिया है।

एपी संतोष माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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