अमेरिका में गर्भपात पर फैसले से वैश्विक बहस शुरू |

अमेरिका में गर्भपात पर फैसले से वैश्विक बहस शुरू

अमेरिका में गर्भपात पर फैसले से वैश्विक बहस शुरू

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : June 25, 2022/12:09 pm IST

नैरोबी, 25 जून (एपी)अमेरिका में शुक्रवार को गर्भपात के लिए संवैधानिक संरक्षण को समाप्त करने वाले फैसले ने दुनिया भर में गर्भपात विरोधियों को प्रोत्साहित किया है। वहीं, गर्भपात के अधिकार के पैरोकारों ने चिंता जताई है कि यह फैसला उनके देश में इसे वैध बनाने की दिशा में हाल में उठाए गए कदमों को जोखिम में डाल सकता है।

अर्जेंटीना के एक सक्रियतावादी और लैटिन अमेरिका और कैरिबियन के कम्पेनियन नेटवर्क (गर्भपात अधिकारों का समर्थन करने वाला एक समूह) के सदस्य रूथ जुरब्रिगेन ने कहा, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक रो बनाम वेड के फैसले को पलटना ”दिखाता है कि इस प्रकार के अधिकारों को हमेशा कुचले जाने का खतरा होता है।”

विदा एसवी फाउंडेशन की अध्यक्ष सारा लारिन ने कहा, ”मुझे विश्वास है कि इस फैसले से अमेरिका और दुनिया भर में गर्भपात को खत्म करना संभव होगा।”

केन्या में गर्भपात के अधिकारों के लिए काम करने वाली फोंसिना अर्चना ने शुक्रवार के फैसले की खबर देखी और कहा कि वह थोड़ी देर के लिए दहशत की स्थिति में आ गईं।

उन्होंने कहा, ”यह अमेरिका में हो रहा है, जबकि महिला अधिकारों की बात आने पर उसे मिसाल होना चाहिये था। अगर यह अमेरिका में हो रहा है, तो यहां अफ्रीका में मेरे बारे में क्या? यह एक बहुत ही दुखद दिन है।”

उन्होंने चिंता जताई कि यह फैसला पूरे अफ्रीका में गर्भपात विरोधियों को प्रोत्साहित करेगा, जिन्होंने प्रजनन स्वास्थ्य क्लीनिक में बाधा पहुंचाई है या हमला करने की धमकी दी है। उन्होंने कहा, ”महाद्वीप में कोई सुरक्षित जगह नहीं है।”

गर्भपात के अधिकारों का समर्थन करने वाले शोध संगठन न्यूयॉर्क के गुट्टमाकर इंस्टीट्यूट के अनुसार, उप-सहारा अफ्रीका में गर्भपात पहले से ही दुनिया के किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में अधिक असुरक्षित है। बड़ी संख्या में बच्चे पैदा करने वाली उम्र की महिलाएं उन देशों में रहती है, जहां गर्भपात कानून अत्यधिक या मध्यम प्रतिबंधित है।

गर्भपात विरोधी कार्यकर्ताओं ने इस फैसले की सराहना की। विधि निर्माता अमालिया ग्रेनाटा ने ट्वीट किया ”दुनिया में फिर से न्याय हुआ है। हम इसे अर्जेंटीना में भी लागू करने जा रहे हैं।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधनोम गेब्रेयेसस ने ट्विटर पर कहा, वह इस फैसले से ”चिंतित और निराश” हैं। उन्होंने कहा कि यह ”महिलाओं के अधिकारों और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच” दोनों को कम करता है।

एपी

फाल्गुनी दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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