आतंकवाद के आरोप में ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ डॉक्टर ने दायर की याचिका |

आतंकवाद के आरोप में ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ डॉक्टर ने दायर की याचिका

आतंकवाद के आरोप में ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ डॉक्टर ने दायर की याचिका

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:47 PM IST, Published Date : May 16, 2022/10:40 pm IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 16 मई (भाषा) उत्तर-पूर्वी इंग्लैंड में रह रहे असम से आने वाले 75 वर्षीय भारतीय मूल के एक डॉक्टर ने सोमवार को लंदन की एक अदालत में अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील दायर की। डॉक्टर ने याचिका में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (स्वतंत्र) या उल्फा (आई) का कथित अध्यक्ष होने के आतंकवाद के आरोप के तहत ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित किए जाने को चुनौती दी है।

काउंटी डरहम में जनरल प्रैक्टिश्नर (जीपी) डॉ. मुकुल हजारिका को मुकदमे का सामना करने के लिये भारतीय अधिकारी भारत ले जाना चाहते हैं। उन पर भारत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन से संबंधित साजिशों में शामिल होने का आरोप है।

भारत सरकार की तरफ से पेश हुए क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स कोर्ट में जिला न्यायाधीश माइकल स्नो को बताया कि जिस साजिश के लिए वह वांछित है, वह एक आतंकवादी समूह के हिस्से के रूप में आतंकवादी शिविरों के आयोजन और आतंकवाद के लिए युवकों की भर्ती से संबंधित है।

सीपीएस बैरिस्टर बेन लॉयड ने प्रत्यर्पण की सुनवाई शुरू होते ही अदालत को बताया, “संक्षेप में, उस पर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने या युद्ध छेड़ने का प्रयास करने, या युद्ध छेड़ने के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है, जो एक आतंकवादी कृत्य है।”

अदालत ने सुना कि कथित तौर पर अभिजीत असोम के नाम से भी जाने जाने वाले हजारिका ने 2016 में उल्फा (आई) के अध्यक्ष की अपनी भूमिका के तहत म्यांमा में एक शिविर में एक अलग संप्रभु राष्ट्र बनाने के लिए सशस्त्र संघर्ष को प्रोत्साहित करने के वास्ते कथित तौर पर जुटे सदस्यों को एक भाषण दिया था।

अदालत में जमा किए गए दस्तावेजों में हजारिका की संलिप्तता की पुष्टि करने वाले एक जांच अधिकारी का एक हलफनामा है। चिकित्सक ने हालांकि आरोपों से इनकार किया है।

हजारिका के बैरिस्टर बेन कूपर ने जवाब दिया कि उनके खिलाफ मामला “ठोस सबूतों की स्पष्ट अनुपस्थिति” के कारण आधार नहीं बना पा रहा। उनके बचाव दल ने इस बात को उजागर करने की कोशिश की कि उल्फा (आई), उल्फा के विपरीत, प्रतिबंधित नहीं है।

इस बीच, पिछले साल जुलाई में ब्रिटेन की प्रत्यर्पण इकाई के अधिकारियों द्वारा अपनी गिरफ्तारी के बाद से हजारिका इलेक्ट्रॉनिक टैग कर्फ्यू प्रावधानों के तहत जमानत पर हैं। अदालत ने उन्हें प्रत्यर्पण सुनवाई की अवधि के लिए लंदन के एक पते पर रहने की अनुमति दी। सुनवाई अगले सप्ताह तक चलेगी।

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)