विदेश मंत्री जयशंकर ने थाईलैंड के अपने समकक्ष से ‘सार्थक’ वार्ता की |

विदेश मंत्री जयशंकर ने थाईलैंड के अपने समकक्ष से ‘सार्थक’ वार्ता की

विदेश मंत्री जयशंकर ने थाईलैंड के अपने समकक्ष से ‘सार्थक’ वार्ता की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:10 PM IST, Published Date : August 18, 2022/12:37 am IST

बैंकॉक, 17 अगस्त (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने थाईलैंड के अपने समकक्ष डोन प्रमुदविनई के साथ बुधवार को ‘‘सार्थक’’ बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा एवं रक्षा, संपर्क और स्वास्थ्य क्षेत्र में द्विपक्षीय संपर्कों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की।

जयशंकर भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की नौवीं बैठक में भाग लेने के लिए मंगलवार को यहां पहुंचे।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए सार्थक बातचीत। राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा एवं रक्षा, संपर्क (कनेक्टिविटी) और स्वास्थ्य क्षेत्रों में संपर्कों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की गई।’’

मंत्री ने म्यांमा की स्थिति पर भी चर्चा की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भारत का दृष्टिकोण साझा किया।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘पड़ोसी होने के नाते म्यांमा की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। साथ ही आसियान और बिम्सटेक के भीतर भी हमारे सहयोग और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के संबंध में दृष्टिकोण साझा किए गये।’’

बैठक के बाद, दोनों पक्षों ने दो समझौता ज्ञापनों… पहला स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान सहयोग पर समझौता ज्ञापन और दूसरा प्रसार भारती और थाईलैंड सार्वजनिक प्रसारण सेवा के बीच प्रसारण पर सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन… पर हस्ताक्षर किए।

थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘बैठक राजनीतिक सुरक्षा, आर्थिक व्यापार, निवेश, संपर्क (कनेक्टिविटी), सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग सहित सभी आयामों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के साथ-साथ क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करेगी और कोविड-19 महामारी के बाद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन(आसियान) देशों में थाईलैंड हमारे लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहा है। आज यह एक बहुत बड़ा भागीदार है… मुझे लगता है कि आज 15 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का द्विपक्षीय व्यापार हो रहा है।’’

थाईलैंड न केवल आसियान में बल्कि बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) और मेकांग-गंगा जैसे अन्य संगठनों में भी भारत का भागीदार है।

उन्होंने कहा कि संयुक्त आयोग का उद्देश्य बेहतर राजनीतिक सहयोग का वातावरण बनाना और व्यापार को बढ़ाना है। साथ ही, दोनों देशों के बीच आर्थिक गतिविधियों और अधिक निवेश को बढ़ावा देने और लोगों के लिए दोनों देशों के बीच यात्रा को सुगम बनाने के लिए रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करना है।

जयशंकर ने थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा से भी मुलाकात की और क्षेत्रीय एवं वैश्विक घटनाक्रम पर दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे अपनी इस यात्रा के दौरान थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा से मुलाकात करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर उनके मार्गदर्शन से लाभान्वित हुआ।’’

बाद में, जयशंकर ने संयुक्त रूप से अपने थाईलैंड के समकक्ष प्रमुदविनई के साथ बैंकॉक में भारतीय दूतावास निवास परिसर का उद्घाटन किया।

भाषा फाल्गुनी अर्पणा

अर्पणा

 

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