पल्लक्कड़ू (श्रीलंका), 14 जनवरी (एपी) इस सप्ताहांत दो और हाथियों के मृत पाये जाने के बाद संरक्षणवादी एवं पशु चिकित्सक चेतावनी दे रहे हैं कि पूर्वी श्रीलंका के खुले कूड़ा स्थल में पड़े प्लास्टिक अपशिष्ट खाने से हाथियों की मौत हो रही है।
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से करीब 210 किलोमीटर दूर अंपारा जिले के पल्लक्कड़ू गांव में कूड़े के ढ़ेर में पड़े प्लास्टिक अपशिष्ट निगलने से पिछले आठ साल में करीब 20 हाथियों की जान चली गयी।
वन्यजीव पशु चिकित्सक निहाल पुष्पाकुमार ने कहा कि मृत जीवों के परीक्षण से पता चला कि उन्होंने कूड़े के ढ़ेर से भारी मात्रा में गैर अपघटीय प्लास्टिक खा लिया था। उन्होंने कहा, ‘‘ पॉलीथीन, फूड रैपर, प्लास्टिक एवं न पचने वाली सामग्री तथा पानी आदि चीजें ही हैं जो हम पोस्टमार्टम में देख सकते हैं। जो सामान्य भोजन हाथी खाते हैं एवं पचाते हैं, वह नजर नहीं आया।’’
श्रीलंका में हाथियों को बहुत सम्मान दिया जाता है। साथ ही वे देश में संकटापन्न भी हैं। देश की प्रथम हाथी गणना रिपोर्ट के अनुसार उनकी संख्या 19वीं सदी में 14000 थी जो घटकर 2011 में 6000 रह गयी।
प्राकृतिक पर्यावास के लगातार घटते चले जाने के कारण हाथियों पर जोखिम बढ़ता जा रहा है। कई हाथी भोजन की तलाश में मानव बस्तियों के पास चले जाते हैं जिससे वे शिकारियों के हाथों या अपनी फसल का नुकसान होने से नाराज किसानों के हाथों मारे जाते हैं।
पुष्पाकुमार ने कहा कि भूखे हाथी कूड़ा स्थल (लैंडफिल) की ओर जाते हैं और प्लास्टिक एवं धारदार, नुकीली चीजें भी खा लेते हैं जिससे उनके पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचता है।
भाषा राजकुमार मनीषा
मनीषा
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