बेरूत, 14 अक्टूबर (एपी) बेरूत में पिछले वर्ष हुए एक बड़े विस्फोट के प्रमुख जांचकर्ता के विरोध में बृहस्पतिवार को आयोजित प्रदर्शन के दौरान शहर में हुए संघर्ष में पांच लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी में कई लोग घायल हुए हैं।
घंटों चला संघर्ष 1975- 90 के गृह युद्ध की तरह था जिस दौरान स्नाईपर, पिस्तौल, क्लाशनिकोव राइफल एवं रॉकेट संचालित ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया। 2008 के बाद यह अब तक का भीषण संघर्ष था, जब शिया संगठन हिज्बुल्ला ने बेरूत में काफी कोहराम मचाया था।
विरोध- प्रदर्शन का आयोजन शिया समूह हिज्बुल्ला और इसके सहयोगी शिया अमाल मूवमेंट ने किया था। दोनों समूह चाहते हैं कि बंदरगाह पर हुए विस्फोट की जांच से प्रमुख जांचकर्ता न्यायाधीश तारेक बितार को हटाया जाए।
बृहस्पतिवार की हिंसा क्यों भड़की, इस बारे में फिलहाल पता नहीं चल पाया है लेकिन न्यायाधीश को हटाने की दोनों समूहों द्वारा की जा रही मांग से तनाव काफी बढ़ गया था। दोनों दलों ने जस्टिस पैलेस के नजदीक प्रदर्शन का आह्वान किया था।
दोनों समूहों ने बृहस्पतिवार को बयान जारी कर कहा कि तायोनेह इलाके में भवनों की छत पर तैनात स्नाइपर ने प्रदर्शनकारियों पर हमले किए।
राजधानी में घंटों तक गोलीबारी होती रही और हताहतों को ढोने के लिए एंबुलेंस के सायरन लगातार बजते रहे।
फर्न अल-चेबाक इलाके की निवासी और छह माह की बच्ची की मां हन्नेन चेमाली ने कहा कि उनके अपार्टमेंट की दसवीं मंजिल से गोलीबारी की आवाज से वह दहशत में आ गईं और छिपने के लिए भागीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने बच्ची के लिएए भागी। मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है। केवल गोलीबारी की आवाज आ रही थी।’’
अमेरिका की राजनीतिक मामलों की विदेश उपमंत्री विक्टोरिया नूलैंड उस वक्त शहर में थीं और लेबनान के अधिकारियों के साथ उनकी बैठक चल रही थी। सड़कों पर हो रही गोलीबारी से उनके कार्यक्रम को थोड़े समय के लिए रोक दिया गया।
एपी नीरज माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पांच और भारतीय मछुआरे श्रीलंका से भारत वापस आए
5 hours agoजापान में 213 लोगों को लेकर जा रहे विमान के…
7 hours ago