फ्रांस ने सहारा में आईएसआईएस सरगना के मारे जाने को बड़ी जीत बताया

फ्रांस ने सहारा में आईएसआईएस सरगना के मारे जाने को बड़ी जीत बताया

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  • Publish Date - September 16, 2021 / 04:42 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:29 PM IST

पेरिस, 16 सितंबर (एपी) फ्रांस ने ग्रेटर सहारा में इस्लामिक स्टेट के सरगना अदन अबू वालिद-अल-सहरावी को मार गिराया है। फ्रांस के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए साहेल में उसे आतंकवाद विरोधी प्रयासों का ‘‘सबसे बड़ा दुश्मन’’ बताया।

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने देर रात अदन अबू वालिद-अल-सहरावी के मारे जाने की घोषणा की थी। मैक्रों के कार्यालय के अनुसार, अल-सहरावी ने ही फ्रांस के छह सहायता कर्मियों और नाइज़र के उनके साथियों की हत्या करने के लिए पिछले साल आदेश दिए थे। उसका संगठन 2017 में हुए उस हमले में भी शामिल था, जिसमें अमेरिका और नाइज़र सेना के कर्मी मारे गए थे।

फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने बृहस्पतिवार को ‘आरएफआई रेडियो’ को बताया कि वह ‘‘कुछ हफ्ते पहले’’ फ्रांस के बरखाने सैन्य अभियान में मारा गया था, लेकिन अधिकारी घोषणा करने से पहले उसकी पहचान को लेकर पूरी तरह संतुष्ट होना चाहते थे।

उन्होंने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी कि अल-सहरावी किस अभियान में या कहां मारा गया। इस्लामिक स्टेट समूह माली और नाइज़र के बीच सीमा पर सक्रिय है।

फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-इव लि द्रियां ने ‘फ्रांस-इंफो रेडियो’ से कहा कि नरसंहार और आतंकवाद की जड़ वही था। उन्होंने अफ्रीकी सरकारों से उसकी मौत के बाद उत्पन्न स्थिति का फायदा उठाते हुए इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों द्वारा ली गई जमीन को वापस अपने कब्जे में लेने का आग्रह किया।

कट्टर आतंकवादी की मौत की खबरें माली में करीब एक सप्ताह से फैल रही थीं, हालांकि इस क्षेत्र के अधिकारियों द्वारा इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि शव की शिनाख्त कैसे की गई।

अल-सहरावी ने नाइजर में 2017 के हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें चार अमेरिकी सैन्यकर्मी और नाइज़र की सेना के चार सदस्य मारे गए थे। उसके संगठन ने साहेल में कई विदेशियों का भी अपहरण किया और माना जाता है कि अमेरिकी सहायता कर्मी जेफरी वुडके अब भी उसके कब्जे में हैं। वुडके का 2016 में नाइज़र में उनके घर से अपहरण कर लिया गया था।

फ्रांस की सेना साहेल क्षेत्र में इस्लामी चरमपंथियों से लंबे वक्त से लड़ रही है। उसने हाल ही में घोषणा की थी कि वह अगले साल की शुरुआत तक 2,000 सैनिकों को वहां से वापस लाने की योजना के साथ इस क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति को कम करेगा।

एपी निहारिका मनीषा

मनीषा