हसीना के अपदस्थ होने के बाद 278 स्थानों पर हिंदुओं को निशाना बनाया गया : बीएनएचजीए

हसीना के अपदस्थ होने के बाद 278 स्थानों पर हिंदुओं को निशाना बनाया गया : बीएनएचजीए

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  • Publish Date - August 13, 2024 / 08:13 PM IST,
    Updated On - August 13, 2024 / 08:13 PM IST

ढाका, 13 अगस्त (भाषा) बांग्लादेश में हिंदुओं के शीर्ष निकाय ने मंगलवार को कहा कि पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने के बाद अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को 48 जिलों में 278 स्थानों पर हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा है। उसने इसे ‘‘हिंदू धर्म पर हमला’’ करार दिया।

‘बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस’ (बीएनएचजीए) के सदस्यों ने हाल के दिनों में हमलों में वृद्धि की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘‘इस देश में हमारे भी अधिकार हैं, हम यहीं पैदा हुए हैं।’’

प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद कई दिनों तक जारी हिंसा में अल्पसंख्यक हिंदू आबादी को निशाना बनाया गया और उनके संपत्तियों की लूटपाट के साथ कई मंदिरों को भी नष्ट कर दिया गया। शेख हसीना पांच अगस्त को देश छोड़कर भारत चली गई थीं।

बीएनएचजीए की प्रेस वार्ता उसी दिन हुई जब नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने यहां प्रसिद्ध ढाकेश्वरी मंदिर में हिंदू समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की और लोगों से उनकी सरकार के प्रति धारणा बनाने से पहले ‘धैर्य रखने’ का आग्रह किया। यूनुस ने आठ अगस्त को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला।

बीएनएचजीए के प्रवक्ता और कार्यकारी सचिव पलाश कांति डे ने कहा, ‘‘बदलते राजनीतिक परिदृश्य के कारण हिंदू समुदाय पर हमला, लूटपाट, आगजनी, भूमि हड़पने और देश छोड़ने की धमकियों की घटनाएं बार-बार हो रही हैं।’’ उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, ‘‘यह सिर्फ व्यक्तियों पर हमला नहीं है बल्कि हिंदू धर्म पर हमला है।’’

डे ने ‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार में प्रकाशित खबर के हवाले से कहा, ‘‘सोमवार तक 48 जिलों में 278 स्थानों पर हिंदू समुदाय के खिलाफ हमले और धमकी देने की घटनाएं हुई हैं। हमने गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है, जिन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि इन मुद्दों को अगली कैबिनेट बैठक में उठाया जाएगा।’’

प्रवक्ता ने कहा कि बीएनएचजीए ने पिछले 24 वर्षों में विभिन्न राजनीतिक दलों के समक्ष अपनी मांगें रखी थीं, लेकिन वे पूरी नहीं हुईं। उन्होंने कहा, ‘‘अब हमें उम्मीद है कि अंतरिम सरकार हमारी पुरानी मांगों पर ध्यान देगी। इसके अलावा, हम अपने छात्रों के नेतृत्व में चल रहे देशव्यापी आंदोलन का समर्थन करते हैं।’’

बीएनएचजीए के अध्यक्ष प्रभास चंद्र रॉय ने राजनीतिक बदलाव के समय हिंदू समुदाय के खिलाफ बार-बार होने वाली हिंसा पर दुख व्यक्त किया और कहा, ‘‘जब भी सरकार बदलती है, तो सबसे पहले हिंदुओं पर हमला होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पहले ऐसी घटनाएं कम होती थीं, लेकिन हाल में इनमें वृद्धि हुई है। हम इस देश में सुरक्षा के साथ रहना चाहते हैं। हम यहीं पैदा हुए हैं और इस देश में हमारे अधिकार हैं।’’

बीएनएचजीए द्वारा यह संवाददाता सम्मेलन सरकार के समक्ष सात मांगें रखने के एक दिन बाद बुलाया गया। बीएनएचजीए ने सरकार से हिंदू समुदायों पर हाल के हमलों की न्यायिक जांच कराने, अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम और आयोग का गठन करने तथा सार्वजनिक खर्च पर मंदिरों और घरों का जीर्णोद्धार कराने की मांग की है।

‘ढाका ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक संगठन ने दोषियों के लिए शीघ्र सुनवाई और जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने, वर्ष 2000 से अब तक अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार की रिपोर्ट जारी करने, दुर्गा पूजा के दौरान तीन दिन की छुट्टी और अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना की भी मांग की है।

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश